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नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान की कोरोना से मौत

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Published : May 11, 2021, 10:51 PM IST

मऊ के फरीदपुर धर्मा गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान की कोरोना से मौत हो गई. इससे ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई. ग्राम प्रधान का अंतिम संस्कार बंदी घाट तमसा नदी के किनारे किया गया.

ग्राम प्रधान की मौत.
ग्राम प्रधान की मौत.

मऊः मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के फरीदपुर धर्मा गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान का सोमवार देर शाम कोरोना से निधन हो गया. इससे परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं गांव में मातम छाया हुआ है. मृतक के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा. ग्राम प्रधान का अंतिम संस्कार मंगलवार को बंदी घाट तमसा नदी के श्मशान घाट पर किया गया.

36 वर्षीय अशोक कुमार पुत्र सुरेश राम ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित होने पर उन्होंने अपना नामांकन किया था. बीते 29 अप्रैल को मतदान हुआ. बीते दो मई को जब मतगणना हुई तो अशोक कुमार विजयी घोषित हो गए. इनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. समर्थकों ने फूल मालाओं से स्वागत किया. अभी जीत की बधाई ग्रामीण दे रहे थे कि इसी बीच उनकी तबीयत खराब हो गई.

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पत्नी मऊ सदर हास्पिटल में नर्स के पद पर कार्यरत हैं. इन्होंने प्रधान को यहीं भर्ती कराया. स्वास्थ में जब कोई सुधार नहीं होता दिखाई दे रहा था तो चिकित्सकों ने शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया. यहां तीन दिनों तक उपचार हुआ फिर भी जब कोई फायदा नहीं मिला तो फातिमा हास्पिटल लेकर गए. यहां इलाज के दौरान ग्राम प्रधान की मौत हो गई. प्रधान के दो बच्चे हैं. इनकी मौत से पूरे गांव में मातम छाया हुआ है.

मऊः मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के फरीदपुर धर्मा गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान का सोमवार देर शाम कोरोना से निधन हो गया. इससे परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं गांव में मातम छाया हुआ है. मृतक के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा. ग्राम प्रधान का अंतिम संस्कार मंगलवार को बंदी घाट तमसा नदी के श्मशान घाट पर किया गया.

36 वर्षीय अशोक कुमार पुत्र सुरेश राम ग्राम प्रधान की सीट अनुसूचित होने पर उन्होंने अपना नामांकन किया था. बीते 29 अप्रैल को मतदान हुआ. बीते दो मई को जब मतगणना हुई तो अशोक कुमार विजयी घोषित हो गए. इनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. समर्थकों ने फूल मालाओं से स्वागत किया. अभी जीत की बधाई ग्रामीण दे रहे थे कि इसी बीच उनकी तबीयत खराब हो गई.

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पत्नी मऊ सदर हास्पिटल में नर्स के पद पर कार्यरत हैं. इन्होंने प्रधान को यहीं भर्ती कराया. स्वास्थ में जब कोई सुधार नहीं होता दिखाई दे रहा था तो चिकित्सकों ने शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया. यहां तीन दिनों तक उपचार हुआ फिर भी जब कोई फायदा नहीं मिला तो फातिमा हास्पिटल लेकर गए. यहां इलाज के दौरान ग्राम प्रधान की मौत हो गई. प्रधान के दो बच्चे हैं. इनकी मौत से पूरे गांव में मातम छाया हुआ है.

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