मऊ: सरकार क्षयरोग उन्मूलन को लेकर बेहद गंभीर है. राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिले में टीबी मरीजों को खोजने के लिए सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि यह अभियान जिले में 2 से 11 नवंबर तक चलाया गया. 10 दिन तक चले इस अभियान में जनपद में लगभग 2.56 लाख आबादी की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें से 1597 व्यक्तियों की जांच की गई, जबकि जांच में 102 नए टीबी रोगी खोजे गए. सभी का इलाज शुरु कर दिया गया है. टीबी की जांच और इलाज मुफ्त उपलब्ध है. सीएमओ ने बताया कि पंजीकृत टीबी मरीजों को उनके खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह पौष्टिक आहार के लिए दिया जाता है.
अभियान में 2.56 लाख आबादी की गयी स्क्रीनिंग
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एसपी अग्रवाल ने बताया कि जनपद में टीबी सक्रिय खोज अभियान के लिये 90 टीमें 20 सुपरवाइजर लगाए गए. 10 चिकित्साधिकारी और जनपद स्तरीय अधिकारी समीक्षा के लिए लगाए गए. जिले के निजी क्षेत्र से 13 चिकित्सकों को सरकार द्वारा 4.48 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि टीबी के नोटिफिकेशन में अच्छे कार्य के लिए उनके खाते में दी गई. वर्ष 2019 में पब्लिक सेक्टर से 2351 और प्राइवेट सेक्टर से 1426 टीबी के मरीज नोटिफाई किए गए हैं, जिनमें से 189 एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) मरीज पाए गए, जिनका इलाज जिला अस्पताल के डीआरटीबी सेंटर में चल रहा है.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि "सामान्यतः टीबी के ये लक्षण हैं जो एक बार में पहचाने जा सकते हैं. दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना, खांसी के साथ बलगम का आना, बुखार आना (विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला), वजन का घटना, भूख कम लगना, सीने में दर्द, बलगम के साथ खून आना आदि टीबी के मरीजों को खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को कपड़े से ढक कर रखें और इधर-उधर न थूकें, जिससे यह अन्य लोगों में न फैले. इसमें से किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर सीधे अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच कर इलाज करा सकते हैं.