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मऊ: प्रवासी मजदूर होंगे होम क्ववारंटाइन, गांव में बनेगी निगरानी कमेटी

उत्तर प्रदेश मऊ जिले में विभिन्न राज्यों से आने वाले मजदूरों को स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारंटाइन किया जाएगा. वहीं, कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले अस्पताल में भर्ती किए जाएंगे.

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डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी
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Published : May 4, 2020, 8:56 PM IST

मऊ: जिले में लॉकडाउन-3 के बीच विभिन्न राज्यों से 80 हजार प्रवासी मजदूरों के लौटने का अनुमान लगाया गया है. सोमवार को डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के आने के बाद उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी, साथ ही सभी का पता और मोबाइल नम्बर आदि नोट किया जाएगा.

डीएम ने बताया कि स्क्रीनिंग में किसी भी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर व्यक्ति को फैसिलिटी क्ववारंटाइन में रखा जाएगा. यदि कोई कोरोना संक्रमित नहीं पाया जाता है, तो फैसिलिटी क्ववारंटाइन में रखने के बाद दोबारा उसकी जांच की जाएगी. 7 दिनों के बाद भी वह संक्रमित नहीं पाया जाता है, तो उसे अगले 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा. वहीं, कोरोना संक्रमित पाए जाने वालों को अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा. डीएम ने बताया कि बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को 21 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा. जिनके घरों में होम क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं है, उसे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा.

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डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी

होम क्वारंटाइन का नियम

21 दिनों की होम क्वारंटाइन अवधि में मदजूरों को घर में अलग कमरे में रहना होगा. साथ ही मास्क, गमछे या दुपट्टे से अपने मुंह को हमेशा ढंके रहना होगा. हाथों को साबुन से दिन में कई वार धोना होगा. उस कमरे में घर के अन्य सदस्यों को जाने की अनुमति नहीं होगी. घर के किसी एक ही सदस्य को जरूरी सामान की खरीद फरोख्त के लिए घर से बाहर निकलने दिया जाएगा.


गांवों में बनेगी निगरानी समिति

गांव में होम क्वारंटाइन प्रवासियों की निगरानी आशा, आंगनबाड़ी और ग्राम प्रधान सहित 25 लोगों की टीम करेगी. निगरानी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार के सभी सदस्यों को सुविधाओं एवं राहत योजनाओं का लाभ मिलता रहे. परिवार को किसी सामाजिक विरोध या कठिनाई का सामना करना पड़े. समुदाय में सर्विलांस और सहयोग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम निगरानी समिति तथा शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति का गठन किया जाएगा. वहीं, शहरी क्षेत्रों की निगरानी आशा, सिविल डिफेंस, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि, नगर निकाय के क्षेत्रीय कार्मिक तथा अन्य सदस्य करेंगे. स्मार्ट फोन रखने वाले प्रवासियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराया जाएगा, जिसमें वह रोजाना 11 बजे अपनी सूचना अपडेट करेंगे.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चंद्र सिंह ने बताया कि प्रवासी या उसके परिवार के सदस्यों को बुखार, खांसी के लक्षण पाए जाते ही आशा द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया जाएगा. साथ ही उक्त व्यक्ति को पैरासीटामॉल की गोली देकर 3 दिनों के लिए घर पर ही क्वारंटाइन किया जाएगा. यदि लक्षण बढ़ते हैं तो फौरन 108 एम्बुलेंस से पास के क्वारंटाइन फैसिलिटी में भेजा जाएगा.

मऊ: जिले में लॉकडाउन-3 के बीच विभिन्न राज्यों से 80 हजार प्रवासी मजदूरों के लौटने का अनुमान लगाया गया है. सोमवार को डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के आने के बाद उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी, साथ ही सभी का पता और मोबाइल नम्बर आदि नोट किया जाएगा.

डीएम ने बताया कि स्क्रीनिंग में किसी भी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर व्यक्ति को फैसिलिटी क्ववारंटाइन में रखा जाएगा. यदि कोई कोरोना संक्रमित नहीं पाया जाता है, तो फैसिलिटी क्ववारंटाइन में रखने के बाद दोबारा उसकी जांच की जाएगी. 7 दिनों के बाद भी वह संक्रमित नहीं पाया जाता है, तो उसे अगले 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा. वहीं, कोरोना संक्रमित पाए जाने वालों को अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा. डीएम ने बताया कि बिना लक्षण वाले व्यक्तियों को 21 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया जाएगा. जिनके घरों में होम क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं है, उसे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा.

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डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी

होम क्वारंटाइन का नियम

21 दिनों की होम क्वारंटाइन अवधि में मदजूरों को घर में अलग कमरे में रहना होगा. साथ ही मास्क, गमछे या दुपट्टे से अपने मुंह को हमेशा ढंके रहना होगा. हाथों को साबुन से दिन में कई वार धोना होगा. उस कमरे में घर के अन्य सदस्यों को जाने की अनुमति नहीं होगी. घर के किसी एक ही सदस्य को जरूरी सामान की खरीद फरोख्त के लिए घर से बाहर निकलने दिया जाएगा.


गांवों में बनेगी निगरानी समिति

गांव में होम क्वारंटाइन प्रवासियों की निगरानी आशा, आंगनबाड़ी और ग्राम प्रधान सहित 25 लोगों की टीम करेगी. निगरानी समिति यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार के सभी सदस्यों को सुविधाओं एवं राहत योजनाओं का लाभ मिलता रहे. परिवार को किसी सामाजिक विरोध या कठिनाई का सामना करना पड़े. समुदाय में सर्विलांस और सहयोग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम निगरानी समिति तथा शहरी क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समिति का गठन किया जाएगा. वहीं, शहरी क्षेत्रों की निगरानी आशा, सिविल डिफेंस, आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि, नगर निकाय के क्षेत्रीय कार्मिक तथा अन्य सदस्य करेंगे. स्मार्ट फोन रखने वाले प्रवासियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कराया जाएगा, जिसमें वह रोजाना 11 बजे अपनी सूचना अपडेट करेंगे.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चंद्र सिंह ने बताया कि प्रवासी या उसके परिवार के सदस्यों को बुखार, खांसी के लक्षण पाए जाते ही आशा द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया जाएगा. साथ ही उक्त व्यक्ति को पैरासीटामॉल की गोली देकर 3 दिनों के लिए घर पर ही क्वारंटाइन किया जाएगा. यदि लक्षण बढ़ते हैं तो फौरन 108 एम्बुलेंस से पास के क्वारंटाइन फैसिलिटी में भेजा जाएगा.

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