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मऊ में मनाया जा रहा मलेरिया माह, घर-घर किया जा रहा जागरूक

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया है. जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मलेरिया माह मनाया जा रहा है.

मलेरिया की जानकारी
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Published : Jun 9, 2020, 3:44 PM IST

मऊ: जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत समस्त विकास खंडों और ब्लॉक के समस्त सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत गांवों में मलेरिया माह मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य आम जनमानस में मलेरिया से बचाव और रोकथाम को लेकर जागरूकता पैदा करना है.

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो परजीवी रोगाणु से होती है. इसे प्लाज्मोडियम कहते हैं और यह मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. यह कीटाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं, जिसके कारण मलेरिया होता है. सीएमओ ने मलेरिया के लक्षण के बारे में बताया कि मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है. मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है. मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगनी, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना और शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन और मलेरिया होने के पश्चात रोगी के शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं. इसकी निशुल्क जांच और इलाज विशेषज्ञ जिले के सरकारी अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हैं.

हर रविवार मच्छर पर वार

जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ स्लोगन का प्रचार-प्रसार कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही मलेरिया की जांच के लिए चयनित ग्राम में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा. उन्होने बताया कि जिले वर्ष 2017 में मलेरिया के तीन मरीज पाये गए थे, जबकि 2018 में 11 मरीज पाये गए थे. वहीं 2019 में जिले में 11 मलेरिया के मरीज पाये गये.

बचाव एवं उपचार

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जन समुदाय अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखें, जलभराव न होने दें, क्योंकि बरसात के समय में गड्ढों में, बड़े बर्तनों में और टायरों में जल जमा हो जाता है और ज्यादा दिन तक एक ही स्थान पर इकट्ठा रहने के कारण मच्छर पानी में पनपते हैं और ज्यादा संख्या में मच्छरों को जन्म देते हैं. इसके अलावा व्यक्ति सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे और मॉस्कीटो क्रीम या लोशन अवश्य लगाएं. उन्होंने बताया कि बाहर का भोजन कम करें, पानी उबालकर पिएं, जिससे मलेरिया जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण उक्त सभी कार्रवाई सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए की जाएगी.

मऊ: जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत समस्त विकास खंडों और ब्लॉक के समस्त सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत गांवों में मलेरिया माह मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य आम जनमानस में मलेरिया से बचाव और रोकथाम को लेकर जागरूकता पैदा करना है.

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो परजीवी रोगाणु से होती है. इसे प्लाज्मोडियम कहते हैं और यह मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. यह कीटाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं, जिसके कारण मलेरिया होता है. सीएमओ ने मलेरिया के लक्षण के बारे में बताया कि मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है. मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है. मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगनी, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना और शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन और मलेरिया होने के पश्चात रोगी के शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं. इसकी निशुल्क जांच और इलाज विशेषज्ञ जिले के सरकारी अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हैं.

हर रविवार मच्छर पर वार

जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ स्लोगन का प्रचार-प्रसार कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही मलेरिया की जांच के लिए चयनित ग्राम में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा. उन्होने बताया कि जिले वर्ष 2017 में मलेरिया के तीन मरीज पाये गए थे, जबकि 2018 में 11 मरीज पाये गए थे. वहीं 2019 में जिले में 11 मलेरिया के मरीज पाये गये.

बचाव एवं उपचार

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जन समुदाय अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखें, जलभराव न होने दें, क्योंकि बरसात के समय में गड्ढों में, बड़े बर्तनों में और टायरों में जल जमा हो जाता है और ज्यादा दिन तक एक ही स्थान पर इकट्ठा रहने के कारण मच्छर पानी में पनपते हैं और ज्यादा संख्या में मच्छरों को जन्म देते हैं. इसके अलावा व्यक्ति सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे और मॉस्कीटो क्रीम या लोशन अवश्य लगाएं. उन्होंने बताया कि बाहर का भोजन कम करें, पानी उबालकर पिएं, जिससे मलेरिया जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण उक्त सभी कार्रवाई सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए की जाएगी.

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