मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में कोरोना वाइरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. इसे देखते हुए शहर क्षेत्र में 15 दिनों का सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. इस दौरान आवश्यक सेवा से जुड़े संस्थानों को बंद कर दिया गया है. बाजार बंद होने से आम जनता को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. किरानों की दुकान बंद होने से रोजमर्रा की जरूरत पर बंदी हो गई. इससे लोगों का जीना दुष्वार हो गया है. वहीं शहर में लॉकडाउन के चलते दुकानदार भी अपनी दुकाने बंद करने को मजबूर हैं.
दिहाड़ी कामगारों की बढ़ी परेशानियां
मऊ जनपद में बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए प्रशासन ने 15 दिनों के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया है. इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी कामगारों पर पड़ रहा है. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. शहर क्षेत्र बंद होने से रिक्शा चालक रोटी के लिए संघर्ष कर रहें हैं. 40 साल से रिक्शा चलाने वाले रामदेव का कहना है कि उन्होंने इससे पहले ऐसी हालत कभी नहीं दिखी. लॉकडाउन के चलते सभी गली चौराहे को बंद कर दिया गया है. बाजार बंद है कोई सवारी नहीं मिल रही है. जीना दुष्वार हो गया है. पिछले लॉकडाउन में नगर पालिका की तरफ से पूड़ी, खिचड़ी मिलती थी, लेकिन इस बार तो कुछ भी नहीं मिल रहा. दाने- दाने को मोहताज हो गए हैं.
15 दिनों के लिए लॉकडाउन
मऊ जिले में कुल 182 संक्रमित केस में 92 एक्टिव केस हैं. इसमें अधिकतर केस शहरी क्षेत्र के हैं. ऐसे हालात में जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने पूरे शहर क्षेत्र में 6 जुलाई से 20 जुलाई तक लॉकडाउन लागू किया है.
भोजन की नहीं व्यवस्था
गौरतलब है कि पिछली बार जब देशव्यापी लॉकडाउन लगाया था. तो कई सामाजिक संस्थाओं ने जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की थी. लेकिन इस बार शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी के साथ फैलने के चलते लॉकडाउन में कोई सहयोग करते नहीं दिख रहा है.
संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का एलान
शहर क्षेत्र में पूरी तरह से लॉकडाउन से लोगों की परेशानी पर जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी प्रकार का कोई छूट नहीं दिया जाएगा. आवश्यक सेवा के लिए कुछ दुकानों को अनुमति दी गई है, जहां से लोग खरीददारी कर रहें हैं. सरकारी राशन की दुकानें भी खुली रहेंगी. जहां से लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए जरूरत के सामान खरीद सकेंगे.
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