मऊ: शहर क्षेत्र में रहने वाले गरीब, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के माध्यम से आवास आवंटित किया जा रहा है. हालांकि, आवास वितरण में शहरी विकास कार्यालय के कर्मचारियों की मनमानी से पात्र लोगों को आवास शहर से दूर दे दिया गया है, जबकि दिव्यांग महिलाओं को शहर के पास वाले आवास आवंटित करने थे. इसे लेकर लाभार्थियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया.
डूडा विभाग की मनमानी को लेकर पात्र लाभार्थियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इन्होंने आवास आवंटन में कर्मचारियों की मनमानी का आरोप लगाते हुए ज्ञापन दिया और शहर के पास वाले आवास की मांग की. प्रदर्शन कर रही निर्मला ने बताया कि विधवा और विकलांग को शहर में आवास दिया गया था. लाटरी में जो आवास मिला था, वो शहर में ही था लेकिन जो आवास की रसीद मिली है, उसमें शहर से 7 किमी दूर आवास मिला है.
वहीं सीमा ने बताया कि वे लोग गरीब हैं. शहर में झाड़ू-पोछा लगाकर पेट पालते हैं. शहर में आवास न देकर बाहर दे दिया गया है. महिलाओं ने आरोप लगाया कि विभाग के कर्मचारी पैसे लेकर अमीर लोगों को शहर में आवास दिए हैं. इसलिए जिलाधिकारी से मांग की है कि आवास का जो चयन हुआ है, उसकी जांच की जाए.
मऊ: आवास वितरण में मनमानी पर लाभार्थियों का प्रदर्शन
यूपी के मऊ में गरीब, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के माध्यम से आवास आवंटित किया जा रहा है. इन सभी को आवास शहर से दूर दे दिया गया, जबकि इन्हें शहर में आवंटित होना था. इस पर लाभार्थियों ने डीएम से मांग की है कि आवास का जो चयन हुआ है उसकी जांच की जाए.
मऊ: शहर क्षेत्र में रहने वाले गरीब, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के माध्यम से आवास आवंटित किया जा रहा है. हालांकि, आवास वितरण में शहरी विकास कार्यालय के कर्मचारियों की मनमानी से पात्र लोगों को आवास शहर से दूर दे दिया गया है, जबकि दिव्यांग महिलाओं को शहर के पास वाले आवास आवंटित करने थे. इसे लेकर लाभार्थियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया.
डूडा विभाग की मनमानी को लेकर पात्र लाभार्थियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इन्होंने आवास आवंटन में कर्मचारियों की मनमानी का आरोप लगाते हुए ज्ञापन दिया और शहर के पास वाले आवास की मांग की. प्रदर्शन कर रही निर्मला ने बताया कि विधवा और विकलांग को शहर में आवास दिया गया था. लाटरी में जो आवास मिला था, वो शहर में ही था लेकिन जो आवास की रसीद मिली है, उसमें शहर से 7 किमी दूर आवास मिला है.
वहीं सीमा ने बताया कि वे लोग गरीब हैं. शहर में झाड़ू-पोछा लगाकर पेट पालते हैं. शहर में आवास न देकर बाहर दे दिया गया है. महिलाओं ने आरोप लगाया कि विभाग के कर्मचारी पैसे लेकर अमीर लोगों को शहर में आवास दिए हैं. इसलिए जिलाधिकारी से मांग की है कि आवास का जो चयन हुआ है, उसकी जांच की जाए.