मऊः जिले में अवैध तरीके से मौत का सामान बनाया जा रहा था. अगर ये गलत हाथों में पड़ जाता तो न जाने कितने लोगों की जान चली जाती. लेकिन यूपी पुलिस, एसटीएफ और बिहार एसटीएफ ने मिलकर इस गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है. जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र और दक्षिण टोला में 2 अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों पर पुलिस ने कार्रवाई की है. बिहार पुलिस के सहयोग से पकड़े जाने पर जिले के पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उड़ने लगे हैं.
जिले में इतने बड़े स्तर पर हथियार बनाने की दो फैक्ट्रिया संचालित की जा रही थी. इस बात को स्थानीय पुलिस को ख़बर तक नहीं लगी ये एक बड़ा सवाल है. एसपी घुले के ने गुरुवार को बताया कि एसटीएफ टीम और फील्ड इकाइयों को जानकारी मिली थी कि गोरखपुर और आसपास के जिलों में अवैध असलहा बनाने का काम किया जा रहा है. अवैध असलहा बनाने के बाद उसे बिहार राज्य में सप्लाई की जा रही. सूचना मिलने के बाद पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ धर्मेश कुमार साहू के निर्देश पर निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में टीम मऊ के लिए आई. मिली सूचना के आधार पर एसपीएफ ने रघुनाथपुरा और प्यारेपूरा मुहल्ले में छापा मारा. जहां घर के अंदर बने तहखाने में निर्मित अर्ध निर्मित असलहे और उसको बनाने का मैटेरियल बरामद किया गया.
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इस कार्रवाई के दौरान अपराधी तनवीर आलम, मोहम्मद खालिद, मो. रियाउल हक, मो. परवेज आलम, रुबीना अंसारी, शबाना खातून, शबनम बानो को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये लोग बिहार राज्य के मुंगेर जिले के निवासी हैं. ये पिछले कई सालों से रघनाथपुर मऊ में रहते थे. मो रिजवान अंसारी थाना नायनगर भागलपुर बिहार का रहने वाला है. वहीं मोहम्मद लियाकत निवासी तिवारी टोला थाना कोतवाली मऊ का ही निवासी है. इनके पास से कई प्रतिबंधित चीजें बरामद की गई हैं.