मऊ: जिला कारागार के कैदियों को बापू के 150वीं जयंती के अवसर पर उनके संदेशों और आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या और जेल अधीक्षक अविनाश ने कैदियों को प्रोत्साहित किया. कारागार में बंद सजायाफ्ता कैदी और विचाराधीन कैदियों के जीवन स्तर में सुधार के लिये यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जिला कारागार में बंद कुल 30 कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया.
कारागार में मिल रहा स्वरोजगार प्रशिक्षण
गांधी जयंती के अवसर पर जनपद कारागार में बंद कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया. स्वरोजगार का प्रशिक्षण देने वाला यह प्रदेश का पहला कारागार बन गया है. इस काम के लिए यूनियन बैंक भी लोन के लिए सपोर्ट कर रही है. इसके तहत कैदियों को अगरबत्ती, मोमबत्ती, पत्तल और कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा. जिला कारागार में बंद कैदियों ने कहा कि आज उन लोगों को जो प्रेरणा गांधी जयंती के अवसर पर मिली है. उससे वह अपने अंदर बदलाव लाएंगे. वह जब भी जेल से बाहर जाएंगे तो यहां से मिली प्रेरणा उपयोग कर जीवन को सरल बनाएंगे.
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जिलाधिकारी ने कहा
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिला कारागार में बंद कैदियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयास किया गया है. जिसका फायदा आज गांधी जयंती के अवसर पर देखने को मिला है. वह जब भी जेल से बाहर निकल कर जाएं तो एक अच्छा जीवन जीने की कला उनके अंदर रहे. साथ ही अच्छे जीवन को जीने के लिए स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे कैदी स्वरोजगार कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकता है. जिलाधिकारी ने कहा कि यह पूर्वांचल की एक मात्र जेल है, जहां स्वरोजगार का प्रशिक्षण कैदियों को दिया गया है. हम चाहते हैं कि यह जेल, जेल नहीं बल्कि सुधार गृह के साथ प्रदेश में जेल से अधिक औघोगिक ईकाई के रूप में जानी जाए, जिसकी शुरुआत गांधी जयंती के अवसर से आज हमने की है.
जेल में बंद कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हे प्रेरित किया गया है. जेल, जेल ही नहीं बल्कि कैदियों के लिए सुधार गृह भी होती है. जहां आने के बाद उनके अन्दर सुधार होता है.
-अनुराग आर्या, पुलिस अधीक्षक