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मऊ: गांधी जयंती के अवसर पर जिला कारागार में हुआ औद्योगिक केन्द्र का शुभारंभ - मऊ के जिला कारागार में गांधी जी की 150 वीं जयंती मनाई गई

यूपी के मऊ में गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर कैदियों को स्वरोजगार के गुर सिखाए गए. इस मौके पर जिला कारागार में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक मौजूद रहे.

निरीक्षण करते जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक
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Published : Oct 2, 2019, 8:39 PM IST

मऊ: जिला कारागार के कैदियों को बापू के 150वीं जयंती के अवसर पर उनके संदेशों और आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या और जेल अधीक्षक अविनाश ने कैदियों को प्रोत्साहित किया. कारागार में बंद सजायाफ्ता कैदी और विचाराधीन कैदियों के जीवन स्तर में सुधार के लिये यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जिला कारागार में बंद कुल 30 कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया.

जिला कारागार में हुआ औद्योगिक केन्द्र का शुभारंभ.

कारागार में मिल रहा स्वरोजगार प्रशिक्षण
गांधी जयंती के अवसर पर जनपद कारागार में बंद कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया. स्वरोजगार का प्रशिक्षण देने वाला यह प्रदेश का पहला कारागार बन गया है. इस काम के लिए यूनियन बैंक भी लोन के लिए सपोर्ट कर रही है. इसके तहत कैदियों को अगरबत्ती, मोमबत्ती, पत्तल और कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा. जिला कारागार में बंद कैदियों ने कहा कि आज उन लोगों को जो प्रेरणा गांधी जयंती के अवसर पर मिली है. उससे वह अपने अंदर बदलाव लाएंगे. वह जब भी जेल से बाहर जाएंगे तो यहां से मिली प्रेरणा उपयोग कर जीवन को सरल बनाएंगे.

इसे भी पढ़ें-मऊ: चुनावी मैदान में कूदे नेता जी, नहीं पता है राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति का नाम

जिलाधिकारी ने कहा
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिला कारागार में बंद कैदियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयास किया गया है. जिसका फायदा आज गांधी जयंती के अवसर पर देखने को मिला है. वह जब भी जेल से बाहर निकल कर जाएं तो एक अच्छा जीवन जीने की कला उनके अंदर रहे. साथ ही अच्छे जीवन को जीने के लिए स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे कैदी स्वरोजगार कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकता है. जिलाधिकारी ने कहा कि यह पूर्वांचल की एक मात्र जेल है, जहां स्वरोजगार का प्रशिक्षण कैदियों को दिया गया है. हम चाहते हैं कि यह जेल, जेल नहीं बल्कि सुधार गृह के साथ प्रदेश में जेल से अधिक औघोगिक ईकाई के रूप में जानी जाए, जिसकी शुरुआत गांधी जयंती के अवसर से आज हमने की है.

जेल में बंद कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हे प्रेरित किया गया है. जेल, जेल ही नहीं बल्कि कैदियों के लिए सुधार गृह भी होती है. जहां आने के बाद उनके अन्दर सुधार होता है.
-अनुराग आर्या, पुलिस अधीक्षक

मऊ: जिला कारागार के कैदियों को बापू के 150वीं जयंती के अवसर पर उनके संदेशों और आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या और जेल अधीक्षक अविनाश ने कैदियों को प्रोत्साहित किया. कारागार में बंद सजायाफ्ता कैदी और विचाराधीन कैदियों के जीवन स्तर में सुधार के लिये यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जिला कारागार में बंद कुल 30 कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया.

जिला कारागार में हुआ औद्योगिक केन्द्र का शुभारंभ.

कारागार में मिल रहा स्वरोजगार प्रशिक्षण
गांधी जयंती के अवसर पर जनपद कारागार में बंद कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया. स्वरोजगार का प्रशिक्षण देने वाला यह प्रदेश का पहला कारागार बन गया है. इस काम के लिए यूनियन बैंक भी लोन के लिए सपोर्ट कर रही है. इसके तहत कैदियों को अगरबत्ती, मोमबत्ती, पत्तल और कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा. जिला कारागार में बंद कैदियों ने कहा कि आज उन लोगों को जो प्रेरणा गांधी जयंती के अवसर पर मिली है. उससे वह अपने अंदर बदलाव लाएंगे. वह जब भी जेल से बाहर जाएंगे तो यहां से मिली प्रेरणा उपयोग कर जीवन को सरल बनाएंगे.

इसे भी पढ़ें-मऊ: चुनावी मैदान में कूदे नेता जी, नहीं पता है राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति का नाम

जिलाधिकारी ने कहा
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिला कारागार में बंद कैदियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयास किया गया है. जिसका फायदा आज गांधी जयंती के अवसर पर देखने को मिला है. वह जब भी जेल से बाहर निकल कर जाएं तो एक अच्छा जीवन जीने की कला उनके अंदर रहे. साथ ही अच्छे जीवन को जीने के लिए स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे कैदी स्वरोजगार कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकता है. जिलाधिकारी ने कहा कि यह पूर्वांचल की एक मात्र जेल है, जहां स्वरोजगार का प्रशिक्षण कैदियों को दिया गया है. हम चाहते हैं कि यह जेल, जेल नहीं बल्कि सुधार गृह के साथ प्रदेश में जेल से अधिक औघोगिक ईकाई के रूप में जानी जाए, जिसकी शुरुआत गांधी जयंती के अवसर से आज हमने की है.

जेल में बंद कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हे प्रेरित किया गया है. जेल, जेल ही नहीं बल्कि कैदियों के लिए सुधार गृह भी होती है. जहां आने के बाद उनके अन्दर सुधार होता है.
-अनुराग आर्या, पुलिस अधीक्षक

Intro:नोट - नेटवर्क समस्या के कारण खबर रैप से जा रही है।

मऊ - जिले के जिला कारागार में बंद कैदियों के जीवन मे उजाला भरने के लिए बापू जयंती पर बापू के संदेशों ,आदर्शो पर चलने की प्रेरणा लेने का शपथ कैदियों ने लिया है । इस अवसर पर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या व जेल अधीक्षक अविनाश ने कैदियों को मोटीवेट करने का काम किया है । गाँधी जयंती के अवसर पर जिला कारागार में बंद सजायाफ्ता कैदी और विचाराधीन कैदियों के जीवन स्तर में सुधार के लिये यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जिला कारागार में बंद कुल 30 कैदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया है ।Body:गाँधी जयंती के अवसर पर जनपद कारागार में बंद कैदियों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार देने वाला प्रदेश का पहला कारागार बनाने का संकल्प लिया है। इस काम के लिए यूनियन बैंक भी लोन के लिए स्पोर्ट करने का काम किया है। इसके तहत कैदियो को अगरबत्ती बनाना, मोमबत्ती बनना, पत्तल बनाना ,कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम करने का संकल्प लिया है। जो बापू जयंती के अवसर पर उन्हें सच्चे मायनो में श्रद्धांजलि देने का काम किया है।

जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिला कारागार मे बन्द कैदियो के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रयास किया गया है। जिसका फायदा आज गाँधी जयन्ती के अवसर पर देखने को मिला है। जिनको प्रेरणा देने का काम किया गया है कि जेल से वह जब भी बाहर निकल कर जाये तो एक अच्छा जीवन जीने की कला उनके अन्दर रहे। साथ ही अच्छे जीवन को जीने के लिए स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया है जिससे कैदी जेल से बाहर निकलने के बाद वह स्वरोजगार का कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकता है। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि यह पूर्वाचल की एक मात्र जेल है जहाँ स्वरोजगार के प्रशिक्षण कैदियो को दिया गया है। हम चाहते है कि यह जेल जेल नही बल्कि सुधार गृह के साथ प्रदेश में जेल से अधिक औघोगिक ईकाई के रुप में जाना जाए। जिसकी शुरुवात गाँधी जयन्ती के अवसर से आज हमने कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने बताया कि जेल मे बन्द कैदियो को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हे। प्रेरित करने का काम किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जेल जेल ही नही होता है बल्कि यह कैदियो के लिए सुधार गृह होता है। जहाँ आने के बाद उनके अन्दर सुधार होता है। हालाकि जिलाधिकारी की तरफ से जो कार्यक्रम परिक्षण का दिया गया है। वह निश्चित ही सराहनीय है। इससे कैदियो मेंसुधार आयेगा। Conclusion:जिला कारागार बन्द कैदियो ने कहा कि आज उन लोगो को जो प्रेरणा गाँधी जयन्ती के अवसर पर मिला है उससे वह अपने अन्दर बदलाव लाने का काम करेगें । साथ वह जब भी जेल से बाहर जायेगे तो उनको जो आज प्रेरणा मिली है । उसका उपयोग जीवन को सरल बनाने मे ंकरेगे । साथी जेल के अन्दर मिले स्वरोजगार प्रशिक्षण के माध्यम से वह जो कुछ कारीगरी सीखने का काम किये है उसके माध्यम से वह स्वरोजगार करेगें और अपने परिवार का भरण पोषण करने का काम करेगें।

बाइट-1- ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी (जिला अधिकारी)
बाइट-2- अनुराग आर्य (पुलिस अधीक्षक, मऊ)
बाइट-3- कैदी

वेद मिश्रा, मऊ
9415219385
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