मऊ: जिले में 70 सालों से निवास कर रहे गुजराती समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से निवास के लिए बंजर भूमि की मांग की है. साथ ही उनको भी नागरिकता देकर शासन द्वारा चलाए जा रहे सुविधाओं का लाभ देने की गुहार लगाई है. अपनी मांगों को लेकर दर्जनों गुजराती परिवार के लोगों ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही जिला प्रशासन को अपनी मांग पत्र सौंपा है.
अवैध रूप से रह रहे गुजराती समाज ने कलेक्ट्रेट पर किया धरना प्रदर्शन. नगर क्षेत्र के तमसा नदी के तट पर रेलवे लाइन किनारे गुजराती समाज के दर्जनों परिवार रहते हैं. इन परिवार के सदस्यों का कहना है कि वर्षों पूर्व उनके पूर्वज रोजी-रोटी के लिए गुजरात छोड़ मऊ जिले में आकर बस गए थे. यहां पर आने के बाद वह पुराने कपड़ों को बेचने का काम करते हैं. उसके साथ ही भरण-पोषण के लिए कोई भी काम मिल जाए, उसको कर लेते हैं.गुजराती समाज के लोगों के पास आधार कार्ड के आलावा किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं है. आए दिन पुलिस प्रशासन, सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उनके डेरा पर छापेमारी करती है. साथ ही जगह खाली करने का आदेश भी देती है. इसलिए इन लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें लिखित रूप से किसी भी बंजर भूमि पर निवास करने का आदेश दे दिया जाए, जिससे वह अमन शांति से वहां निवास कर सकें.
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वहीं फूलन सेना ने उनका समर्थन किया है. उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद का कहना है कि पीएम मोदी के प्रदेश को छोड़कर आए लोगों को एनआरसी और सीएए का डर सता रहा है, इसलिए उनकों निवासी बनाया जाए.