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मऊः घाघरा के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि, प्रशासन अलर्ट - मऊ में घाघरा का बढ़ रहा जलस्तर

मऊ जिले में घाघरा नदी कई जगह खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जिससे तटवर्ती इलाके के लोग सहमे हुए हैं. वहीं बाढ़ की वजह से पहले ही किसानों की खेती बर्बाद हो गई है. एक बार फिर जलस्तर में वृद्धि से किसानों में भय व्याप्त है.

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घाघरा नदी
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Published : Jul 21, 2020, 7:59 PM IST

मऊः घाघरा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. नदी ने लाल निशान को तीसरी बार पार किया है. इससे देवारा के निचले इलाकों में फिर पानी घुस गया है. देवारा वासियों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं. जिस तरह से जलस्तर एकाएक फिर बढ़ रहा है, अगर ऐसे ही जारी रहा तो तबाही का मंजर जल्द देखने को मिल सकता है. ऐसे में प्रशासन अलर्ट पर है. पीएसी की टीम बाढ़ क्षेत्र में कैम्प कर रही है.

जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि घाघरा के जल स्तर में वृद्धि को लेकर प्रशासन पूरी नजर बनाए हुआ है. वह स्वंय मौके पर जाकर तैयारी का जायजा ले चुके हैं. सिंचाई विभाग की टीम बाढ़ चौकी बना ली हैं. वहीं बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. जनरेटर, स्कूल भवन, राशन सहित सभी तैयारियां हैं. इसके साथ ही पीएसी की टीम भी तैनात कर दी गई है, जिससे आपातकाल की स्थिति आती है तो निपटा जा सके.

औराडांड़ क्षेत्र में घाघरा का जलस्तर 70.75 मीटर पर है. यहां घाघरा का जलस्तर खतरा बिंदु से 35 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. गौरीशंकर घाट पर जलस्तर 69.85 मीटर है. यहां अभी नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से पांच सेंमी नीचे है. जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में तबाही मच गई है. पहले से ही खेतों में जलभराव है. फसलें जलमग्न हैं. बहुत से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है.

एक बार फिर किसानों की गाढ़ी कमाई घाघरा लील चुकी है. अब किसान अपने गन्ने की फसल के लिए चिंतित हैं, क्योंकि धान की फसल तो डूब जाने से बर्बाद हो चुकी है. घाघरा के तटवर्ती इलाकों के सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है. बाढ़ की आशंका से लोग सहमे हुए हैं. सबसे विकट स्थिति पशुओं की चारे की हो गई है.

मऊः घाघरा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. नदी ने लाल निशान को तीसरी बार पार किया है. इससे देवारा के निचले इलाकों में फिर पानी घुस गया है. देवारा वासियों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं. जिस तरह से जलस्तर एकाएक फिर बढ़ रहा है, अगर ऐसे ही जारी रहा तो तबाही का मंजर जल्द देखने को मिल सकता है. ऐसे में प्रशासन अलर्ट पर है. पीएसी की टीम बाढ़ क्षेत्र में कैम्प कर रही है.

जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि घाघरा के जल स्तर में वृद्धि को लेकर प्रशासन पूरी नजर बनाए हुआ है. वह स्वंय मौके पर जाकर तैयारी का जायजा ले चुके हैं. सिंचाई विभाग की टीम बाढ़ चौकी बना ली हैं. वहीं बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. जनरेटर, स्कूल भवन, राशन सहित सभी तैयारियां हैं. इसके साथ ही पीएसी की टीम भी तैनात कर दी गई है, जिससे आपातकाल की स्थिति आती है तो निपटा जा सके.

औराडांड़ क्षेत्र में घाघरा का जलस्तर 70.75 मीटर पर है. यहां घाघरा का जलस्तर खतरा बिंदु से 35 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. गौरीशंकर घाट पर जलस्तर 69.85 मीटर है. यहां अभी नदी का जलस्तर खतरा बिंदु से पांच सेंमी नीचे है. जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में तबाही मच गई है. पहले से ही खेतों में जलभराव है. फसलें जलमग्न हैं. बहुत से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है.

एक बार फिर किसानों की गाढ़ी कमाई घाघरा लील चुकी है. अब किसान अपने गन्ने की फसल के लिए चिंतित हैं, क्योंकि धान की फसल तो डूब जाने से बर्बाद हो चुकी है. घाघरा के तटवर्ती इलाकों के सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है. बाढ़ की आशंका से लोग सहमे हुए हैं. सबसे विकट स्थिति पशुओं की चारे की हो गई है.

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