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मंडी को मतगणना स्थल बनाने पर मचा बवाल, हजारों किसानों की रोजी-रोटी का है सवाल

लोकसभा चुनाव को सन्निकट देखते हुए जिले में तैयारियां भी जोरों पर हैं. चुनाव एवं मतगणना को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए केंद्रों का निर्धारण किया गया है.

अन्नदाता कर रहें हैं नवीन कृषि मण्डी को मतगणना स्थल न बनाने की मांग
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Published : Feb 21, 2019, 10:37 AM IST

मऊ : कोपागंज स्थित नवीन कृषि मंडी को मतगणना स्थल बनाया गया है. इसलिये व्यापारियों को दो महीने के लिए मंडी को खाली करने का निर्देश दिया गया है. जिसका मंडी समिति से जुड़े व्यापारी, किसान और मजदूर विरोध कर रहे हैं.

अन्नदाता कर रहें हैं नवीन कृषि मण्डी को मतगणना स्थल न बनाने की मांग


मतगणना स्थल बनाये गए नवीन कृषि मंडी में मतदान होने तक ईवीएम की खाली मशीनें रखी जाएंगी. साथ ही चुनाव से जुड़े प्रशिक्षण कार्य भी यहां कराये जाने की योजना है. इससे दो महीने तक मंडी पूरी तरह बंद रहेगी.


जिससे किसान, मजदूर, ठेला चालक और व्यापारियों को आर्थिक रुप से नुकसान होने के साथ ही राजस्व का भी नुकसान होगा. बुधवार को किसान, व्यापारी और मजदूरों द्वारा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर राजस्व अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.


फल मंडी अध्यक्ष भोला प्रसाद सोनकर ने बताया कि हम लोग कृषि मंडी को मतगणना स्थल बनाने का विरोध कर रहे हैं. यदि दो महीने तक मंडी बंद रहेगी तो किसानों के फल एवं सब्जी सड़ जायेंगे. यह हजारों किसानों एवं मजदूरों की रोजी-रोटी का सवाल है.


मंडी समिति से जुड़े व्यापारी, किसान और मजदूरों की क्या है मांग

  • मण्डी को मतगणना स्थल न बनाया जाये. यदि दो महीने तक मंडी बंद रहेगी तो किसानों के फल और सब्जी सड़ जायेंगे.
  • इससे पूर्व के चुनाव में जहां मतगणना स्थल बनाया जाता था वहीं बनाया जाये.
  • नगर पालिका कम्युनिटी हॉल मतगणना स्थल बनाया जा सकता है.
  • भीमराव अंबेडकर स्टेडियम को भी मतगणना स्थल बनाया जा सकता है.
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फल सब्जी व्यापारी सेवा संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद यूनुस ने कहा कि जिला प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि कृषि उत्पादन मंडी समिति को मतगणना स्थल ना बनाया जाये. यदि ऐसा हुआ तो किसान, मजदूर एवं व्यापारियों की जीविका पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा और ये भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे. इसलिए हमारी मांग है कि पहले जिन स्थानों को चिन्हित किया जाता था उन्हीं को मतगणना प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाये.

मऊ : कोपागंज स्थित नवीन कृषि मंडी को मतगणना स्थल बनाया गया है. इसलिये व्यापारियों को दो महीने के लिए मंडी को खाली करने का निर्देश दिया गया है. जिसका मंडी समिति से जुड़े व्यापारी, किसान और मजदूर विरोध कर रहे हैं.

अन्नदाता कर रहें हैं नवीन कृषि मण्डी को मतगणना स्थल न बनाने की मांग


मतगणना स्थल बनाये गए नवीन कृषि मंडी में मतदान होने तक ईवीएम की खाली मशीनें रखी जाएंगी. साथ ही चुनाव से जुड़े प्रशिक्षण कार्य भी यहां कराये जाने की योजना है. इससे दो महीने तक मंडी पूरी तरह बंद रहेगी.


जिससे किसान, मजदूर, ठेला चालक और व्यापारियों को आर्थिक रुप से नुकसान होने के साथ ही राजस्व का भी नुकसान होगा. बुधवार को किसान, व्यापारी और मजदूरों द्वारा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर राजस्व अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.


फल मंडी अध्यक्ष भोला प्रसाद सोनकर ने बताया कि हम लोग कृषि मंडी को मतगणना स्थल बनाने का विरोध कर रहे हैं. यदि दो महीने तक मंडी बंद रहेगी तो किसानों के फल एवं सब्जी सड़ जायेंगे. यह हजारों किसानों एवं मजदूरों की रोजी-रोटी का सवाल है.


मंडी समिति से जुड़े व्यापारी, किसान और मजदूरों की क्या है मांग

  • मण्डी को मतगणना स्थल न बनाया जाये. यदि दो महीने तक मंडी बंद रहेगी तो किसानों के फल और सब्जी सड़ जायेंगे.
  • इससे पूर्व के चुनाव में जहां मतगणना स्थल बनाया जाता था वहीं बनाया जाये.
  • नगर पालिका कम्युनिटी हॉल मतगणना स्थल बनाया जा सकता है.
  • भीमराव अंबेडकर स्टेडियम को भी मतगणना स्थल बनाया जा सकता है.
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फल सब्जी व्यापारी सेवा संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद यूनुस ने कहा कि जिला प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि कृषि उत्पादन मंडी समिति को मतगणना स्थल ना बनाया जाये. यदि ऐसा हुआ तो किसान, मजदूर एवं व्यापारियों की जीविका पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा और ये भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे. इसलिए हमारी मांग है कि पहले जिन स्थानों को चिन्हित किया जाता था उन्हीं को मतगणना प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाये.

Intro:मऊ। लोकसभा चुनाव को सन्निकट देखते हुए जिले में तैयारियां भी जोरों पर हैं. चुनाव एवं मतगणना को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए केंद्रों का निर्धारण किया गया है. कोपागंज स्थित नवीन कृषि मंडी को मतगणना स्थल बनाया गया है. व्यापारियों को 2 महीने के लिए मंडी को खाली करने का निर्देश दिया गया है. जिसका मंडी समिति से जुड़े व्यापारी, किसान व मजदूर विरोध कर रहे हैं.


Body:बता दें कि मतगणना स्थल बनाए गए नवीन कृषि मंडी में मतदान होने तक ईवीएम की खाली मशीनें रखी जाएंगी. साथ ही चुनाव से जुड़े प्रशिक्षण कार्य भी यहां कराए जाने की योजना है. इससे दो महीने तक मंडी पूरी तरह बंद रहेगी. जिससे किसान, मजदूर, ठेला चालक एवं व्यापारियों को आर्थिक रुप से नुकसान होने के साथ ही राजस्व की भी क्षति होगी. बुधवार को किसान, व्यापारी एवं मजदूरों द्वारा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर राजस्व अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.

फल मंडी अध्यक्ष भोला प्रसाद सोनकर ने बताया कि हम लोग कृषि मंडी को मतगणना स्थल बनाने का विरोध कर रहे हैं. यदि 2 महीने तक मंडी बंद रहेगी तो किसानों का फल एवं सब्जी सड़ जाएगा. यह हजारों किसानों एवं मजदूरों की रोजी रोटी का सवाल है. इससे पूर्व के चुनाव में जहां मतगणना स्थल बनाया जाता था वहीं बनाया जाए. नगर पालिका कम्युनिटी हॉल एवं भीमराव अंबेडकर स्टेडियम को भी मतगणना स्थल बनाया जा सकता है.


Conclusion:फल सब्जी व्यापारी सेवा संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद यूनुस ने कहा कि जिला प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि कृषि उत्पादन मंडी समिति को मतगणना स्थल ना बनाया जाए. यदि ऐसा हुआ तो किसान, मजदूर एवं व्यापारियों की जीविका पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा और ये भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे. इसलिए हमारी मांग है कि पहले जिन स्थानों को चिन्हित किया जाता था उन्हीं को मतगणना प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाए.

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