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मऊ: जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज - district hospital negligence came to light

उत्तर प्रदेश के मऊ में जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में किया जा रहा था. इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने पर उन्होंने लाइट जाने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया.

टॉर्च की रोशनी में मरीज को लगाया जा रहा इंजेक्शन.
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Published : Nov 25, 2019, 3:46 PM IST

मऊ: जिला अस्पताल में टार्च की रोशनी में मरीजों के इलाज का मामला प्रकाश में आया है. सारी सुविधाओं से लैस अस्पताल में लापरवाही के कारण मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. 24 घंटे बिजली का दावा करने वाले अस्पताल में मोबाइल टार्च की रोशनी में मरीज को इंजेक्शन लगाया जा रहा है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्साधिकारी.

अस्पताल की लापरवाही आई सामने

  • जिला अस्पताल में मोबाइल की टार्च की रोशनी से मरीजों का इलाज किया जा रहा था.
  • रविवार रात्रि में स्वास्थ्य कर्मियों टार्च की रोशनी में सुई लगा रहे थे.
  • मरहम-पट्टी सहित तमाम इलाज अंधेरे में किए जा रहे थे.
  • इमरजेंसी बार्ड सहित जितने भी बार्ड हैं, सभी में मरीज अंधेरे में रहने को मजबूर थे.
  • जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि 24 घंटे बिजली की व्यवस्था जिला अस्पताल में रहती है.
  • उन्होंने बताया कि कभी-कभी लाइट कट जाती है, तो जनरेटर स्टार्ट करने में समय लग जाता है.

इसे भी पढ़ें- सोनभद्र जिला अस्पताल में कमीशनखोरों का दबदबा

मऊ: जिला अस्पताल में टार्च की रोशनी में मरीजों के इलाज का मामला प्रकाश में आया है. सारी सुविधाओं से लैस अस्पताल में लापरवाही के कारण मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. 24 घंटे बिजली का दावा करने वाले अस्पताल में मोबाइल टार्च की रोशनी में मरीज को इंजेक्शन लगाया जा रहा है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्साधिकारी.

अस्पताल की लापरवाही आई सामने

  • जिला अस्पताल में मोबाइल की टार्च की रोशनी से मरीजों का इलाज किया जा रहा था.
  • रविवार रात्रि में स्वास्थ्य कर्मियों टार्च की रोशनी में सुई लगा रहे थे.
  • मरहम-पट्टी सहित तमाम इलाज अंधेरे में किए जा रहे थे.
  • इमरजेंसी बार्ड सहित जितने भी बार्ड हैं, सभी में मरीज अंधेरे में रहने को मजबूर थे.
  • जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि 24 घंटे बिजली की व्यवस्था जिला अस्पताल में रहती है.
  • उन्होंने बताया कि कभी-कभी लाइट कट जाती है, तो जनरेटर स्टार्ट करने में समय लग जाता है.

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Intro:मऊ - जिले के जिलास्पताल में टार्च की रोशनी में इन दिनों इलाज किया जा रहा है। सारी सुविधाओं से लैंस अस्पताल में लापरवाही के कारण मरीजों के जीवन के साथ खिलवाङ किया जा रहा है। 24 घंटे बिजली का दावा करने वाले अस्पताल में मोबाइल के टार्च की रोशनी में इलाज करने का नाजारा प्रकाश में आया है।Body:दरअसल रविवार की रात्री में मोबाइल के टार्च की रोशनी से मरीजों का इलाज किया जा रहा था। स्वास्थ्य कर्मीयों के द्वारा उसी रोशनी में सुई लगाई जा रही थी। मलहम-पट्टी सहित तमाम इलाज करने के काम किए जा रहे थे। इमरजन्सी बार्ड सहित जितने भी बार्ड है, सभी में मरीज अन्धेरे में रहने को मजबूर थे। इस बारे में जिलास्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 24 घंटे बिजली की व्यवस्था जिलास्पताल में रहती है। कभी कभी लाइट कट जाती है, तो जनरेटर स्टार्ट करने में समय लग जाता है। इसलिए उसी समय थोङी दिक्कत होता है। बाकी समय हमेशा लाइट की व्यवस्था जिलास्पताल में रहती है। खैर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस लापरवाही से पलङा साफ तौर पर झाङ लिया है। Conclusion:अब देखना ये होगा कि इस लापरवाही पर क्या कार्य़वाही होती है। वैसे शासन का आदेश है कि मरीजों को सभी सुविधा मिले। लेकिन अन्धेरे में इलाज कर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाङ जरुर किया जा रहा है।

वाइट-1- ब्रिज कुमार (मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मऊ)

वेद मिश्रा, मऊ - 9415219385
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