मऊ: विश्व औद्योगिक श्रमिक दिवस पर शनिवार को जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और नए उद्यमियों को प्रेरित किया गया.
क्यों मनाया जाता है विश्व औद्योगिक श्रमिक दिवस
सन् 1905 में 27 जून को विश्व के औद्योगिक श्रमिकों का यूनियन(IWW) या श्रमिक संघ अस्तित्व में आया था. इसका उदेश्य दुनिया भर में काम कर रहे श्रमिकों के अधिकारों और जरूरतों को विश्व पटल पर रखना है.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
इस बैठक के दौरान जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में नई चीजों को निर्माण करने का कार्य किया जाता है. सर्विस सेक्टर में मुख्य रूप से सेवा प्रदान करने का कार्य किया जाता है. इसे सेवा क्षेत्र के रुप में भी जाना जाता है. इस सेक्टर में लोगों को और विभिन्न संस्थाओं को सर्विस देने का काम होता है.
नए उद्यमियों के पास है अवसर
डीएम ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग वे उद्योग हैं, जिनमें काम करने वालों की संख्या एक सीमा से कम होती है तथा उनका वार्षिक उत्पादन भी एक सीमा के अन्दर रहता है. किसी भी देश के विकास में इनका महत्वपूर्ण स्थान है. इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर प्रकार के फल, सब्जी, वनस्पति पर्याप्त मात्रा में उपस्थित है. किसी वस्तु के निर्माण अथवा उत्पादन, प्रसंस्करण अथवा परीक्षण करने वाले उद्यम इस श्रेणी में शामिल किए जाते हैं.
इस बैठक में भरत कुमार, सुशील अग्रवाल एवं नए उद्यमी अभिनंदन, सौम्या, दिव्या, सुमन्धा, अर्पित, देव, गार्गी, अम्बर, राजीव रंजन उपस्थित रहे.