मऊ: कोरोना काल के दौरान बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) की पहल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पुष्टाहार वितरण कर रही हैं. पुष्टाहार के प्रयोग से गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों और बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक विकास में वृद्धि होगी. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, जिससे कोरोना से भी बचाव होगा. शासन के निर्देशानुसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पोषाहार का वितरण कर रही हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
लाभार्थियों के घर-घर जाकर पुष्टाहार बांट रही हैं
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनको कोरोना समेत किसी भी वायरस का खतरा अधिक रहता है. लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे. इसके लिए जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थियों के घर-घर जाकर पुष्टाहार बांट रही हैं. जिले में 10 विकासखंड परियोजनाओं के 2587 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषाहार वितरण किया जा रहा है. डीपीओ ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 1540 मास्क बांटे गए हैं.
जानकारी देतीं मुख्य सेविका गीता तिवारी
मुख्य सेविका गीता तिवारी ने बताया कि लाभार्थियों को पुष्टाहार के अलावा गांव में ही उपलब्ध खाद्य पदार्थ एवं सामग्रियों से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाए बताये जा रहे हैं. भोजन में हरी पत्तेदार साग-सब्जियों मेथी, पालक, बथुआ, सरसों आदि की मात्रा बढ़ाए जाने की सलाह दी जा रही है. गुड़, चना, दाल, अंडा, दूध और उससे बने खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करना चाहिए.
गीता तिवारी ने बताया कि सामान्यतः गर्भवती और किशोरियां आयरन की गोलियों का सेवन दूध और चाय के साथ करती हैं, जो कि गलत है. इससे शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है, जबकि आयरन की गोली का सेवन विटामिन सी युक्त आहार जैसे नींबू, संतरा, आंवला आदि के साथ किया जाना चाहिए. इससे आयरन का अवशोषण शरीर में सुचारू रूप होता है. उन्होंने बताया कि पुष्टाहार वितरण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.