मऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल विकास परियोजना विभाग में नियुक्त आंगनवाड़ी वर्कर्स व सहायिकाओं की सेवा समाप्ति की उम्र 62 वर्ष कर दी है, जिसके खिलाफ प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं. सोमवार को मऊ कलेक्ट्रेट परिसर में आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों ने अपनी सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल करने के लिए उपवास रखा. प्रर्दशन कर रहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय मांग पत्र दिया.
उपवास पर बैठी कार्यकर्त्रियों ने कहा कि हम पूरी तन्मयता के साथ प्रदेश भर में सेवा दे रहे हैं. जन-जन तक पहुंचकर सरकारी सुविधाओं को मुहैया कराते हैं. भारत को पोलियो मुक्त कराने में हमने अहम भूमिका निभाई. कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा में कर रहे हैं. साथ ही जनता को जागरूक करने के साथ-साथ पोषण मिशन सहित सभी काम जारी हैं. इन सबके बावजूद सरकार हमारे साथ नहीं है. आपको बता दें कि, 62 वर्ष की उम्र सीमा पूरी करने वाले मानदेय कर्मियों की सेवा समाप्त करने का निर्देश विशेष सचिव उत्तर प्रदेश ने जारी किया है.
ये हैं मुख्य बिंदु
- अब 65 की जगह 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति होंगी आंगनवाड़ी वर्कर्स
- 62 वर्ष की उम्र सीमा पूरी करने वाले मानदेय कर्मियों की सेवा समाप्त करने का निर्देश
- प्रदेश भर में सेवानिवृत्ति की आयु पूर्वरत रखने की मांग
महिला आंगनवाड़ी कमर्चारी संघ मऊ की महामंत्री वीना राय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सेवा समाप्ति उम्र बढ़ाने का निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि सरकार 62 साल में सेवा समाप्ति के आदेश को वापस ले. उन्होंने कहा यदि 62 वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को सेवामुक्त करते हैं तो पांच हजार मासिक पेंशन और एक मुश्त पांच लाख रुपये उनके जीवन यापन के लिए दे. साथ ही आंगनवाड़ी वर्कर को बीपीएल कार्ड और आयुष्मान योजना की सुविधाएं दी जाएं. वीना राय ने कहा यदि सरकार हमारी मांगे जल्द पूरा नहीं करेगी, तो 15 सितंबर से मुख्यालय पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन होगा.