मऊ: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण की स्थिति को लेकर जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. शासन की नियत तिथि 30 जून तक 50 फीसदी एनएलओबी के शौचालय ही धरातल पर बन पाये. इस पर शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.
गुरुवार की देर रात तक चली समीक्षा में रानीपुर, मुहम्मदबाद गोहना, परदहा और रतनपुरा विकासखंड की भौतिक प्रगति खराब मिली. इसके चलते चारों ब्लॉकों के एडीओ पंचायतों को लापरवाह पाते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है. वहीं चारों ब्लॉकों के सभी 75 ग्राम सचिवों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये गये हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय निर्माण के लिए शासन द्वारा निर्धारित तिथि 30 जून तक आधे निर्माण होने पर अब संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. बुधवार की देर शाम घोसी, बड़रांव, फतहपुर मंडाव, दोहरीघाट और कोपागंज विकासखंड की समीक्षा में सभी ब्लॉकों के एडीओ पंचायतों को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रतिकूल प्रविष्ट दी गई. साथ ही समीक्षा से अनुपस्थित एक दर्जन ग्राम सचिवों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया गया. वहीं गुरुवार की समीक्षा में भी चार ब्लॉकों के एडीओ पंचायतों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई.