मऊ: दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इसके बाद से ही गाजीपुर और मऊ के विभिन्न क्षेत्रों में उनके समर्थक में खुशी की लहर है. वहीं, मुख्तार के बेटे व बसपा नेता अब्बास अंसारी ने फेसबुक पर वीडियो संदेश जारी कर इस फैसले को अन्याय पर न्याय की जीत बताया है.
सीबीआई कोर्ट से बरी हुए मुख्तार अंसारी. सबूतों के अभाव में हुए बरी29 नवंवर, 2005 को क्रिकेट मैच का उद्घाटन कर अपने काफिले के साथ लौटते समय विधायक कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी. मृतकों में मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्यामशंकर राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और निर्भय नारायण उपाध्याय शामिल थे. इस मामले में विधायक मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी को आरोपित किया गया था. लंबे समय से सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. बुधवार को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपितों को बरी कर दिया.कोर्ट के फैसले पर अब्बास अंसारी का 'फेसबुकिया रिएक्शन'
कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने अपने समर्थकों के लिए फेसबुक पर वीडियो संदेश जारी किया है. इस वीडियों में वह सीबीआई कोर्ट के फैसले को अन्याय पर न्याय की जीत बता रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक साजिश के तहत छवि खराब करने के लिए उनके पिता को फंसाया गया था लेकिन कोर्ट ने अन्याय को नहीं जीतने दिया. अंत में जय हिंद के साथ उन्होंने देश के न्यायपालिका को सलाम कहा.
सीबीआई कोर्ट से बरी हुए मुख्तार अंसारी. 'राजनेता' अब्बास अंसारी गौरतलब है कि अब्बास अंसारी यूपी की घोसी विधानसभा से 2017 में बसपा प्रत्याशी रहे हैं. वहीं 2019 के लोकसभा में भी उन्हें टिकट मिलने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन बाद में लोकसभा का टिकट अतुल राय को मिला जो भाजपा प्रत्याशी हरिनारायण राजभर को 122568 वोटों से हराकर सांसद निर्वाचित हुए हैं. अतुल राय भी इन दिनों दुष्कर्म के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे गए हैं.