मऊ : जनपद के मधुबन तहसील क्षेत्र के बिंदटोलिया गांव में रहने वाले लोगों की धड़कनें इन दिनों बढ़ गईं हैं. इस क्षेत्र में घाघरा नदी का करीब 15 वर्षों से कटान जारी है. इसके बावजूद शासन-प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
इसका खामियाजा यहां के निवासियों को उठाना पड़ रहा है. बता दें कि इस साल 2 महीने के अंदर करीब 50 घरों को घाघरा नदी ने अपने आगोश में ले लिया है. इसके बाद अब लोग प्राथमिक विद्यालय में शरण लिए हुए हैं.
वहीं, 50 परिवारों को मात्र 2 स्कूलों में रखा गया है. यहां एक कमरे में 4 परिवार रह रहे हैं. ऐसे में अब कयास लगा सकते हैं कि यह बाढ़ पीड़ित कैसे अपना जीवन गुजार रहे हैं. वहीं, खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने वाले जब बारिश होने लगती है तो तिरपाल ओढ़कर रात गुजारनी पड़ती है.
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प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही इस कदर है कि इनकी सुध भी लेने बिंदटोलिया गांव नहीं पहुंच रहे हैं. सत्ता और विपक्ष पार्टी के नेता हफ्ते 2 हफ्ते में एक बार राहत सामग्री का 5 किलो का पैकेट लेकर के पहुंच जाते हैं लेकिन इन की मूल समस्या पर कोई नहीं ध्यान दे रहा है.
इन बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय ने राहत सामग्री देने के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधि पर खूब बरसे.
उन्होंने कहा कि इस तरीके से इस ग्रामीणों को छोड़ दिया गया है जैसे यह लावारिस है. अधिकारी बता दें कि वह सक्षम नहीं हैं इनके लिए हम समाजवादी पार्टी के लोग ही इनकी मदद करेंगे.