मऊ: लॉकडाउन में लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. वहीं किसी भी मरीज को अस्पताल आने-जाने में तकलीफ न हो, इसके लिए 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारी दिन रात सेवा दे रहे. कोरोना वायरस के जंग में कर्मचारी युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं और समर्पण भाव से लगे हुए हैं.
आपातकालीन समस्याओं से निपट रहे 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी और इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर की टीम लोगों की सेवा के लिए युद्धस्तर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं. लॉकडाउन में बेहतर एम्बुलेंस सेवा से कोरोना के प्रकोप से बचने में मदद मिल रही है. यह कर्मचारी जान जोखिम में डालकर कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अस्पताल तक पहुंचा रहे हैं. वहीं हार्टअटैक या एक्सिडेंट समेत अन्य आपातकालीन समस्याओं से निपटने में लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं. वहीं रेफर मरीजों को लखनऊ, बनारस, गोरखपुर, आजमगढ़ ले जाकर भर्ती कराया जा रहा है.
कोविड-19 के प्रोटोकाल फॉलो कर रहे एम्बुलेंस कर्मचारी
मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे सभी कर्मचारी स्वेछाभाव से एक योद्धा के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी ने सभी कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हुए आभार प्रकट किया. फील्ड में जाने वाले एम्बुलेंस कर्मचारी कोविड-19 के प्रोटोकाल को पूरी तरह फॉलो कर रहे हैं.
इतनी एम्बुलेंस दे रहीं यूपी में सेवाएं
सेवा प्रदाता संस्था जीवीकेईएमआरआई के राज्य प्रमुख किशोर नायडू ने बताया कि वर्तमान में यूपी में एम्बुलेंस सेवा 108 की 2,200, एम्बुलेंस सेवा 102 की 2,270 और एएलएस की 250 एम्बुलेंस 24 घंटे अपनी नि:शुल्क सेवा दे रही हैं. जिले में 53 एम्बुलेंस हैं, जिसमें से चार बैकअप अलग से तैनात हैं जो 24 घंटे लोगों की सेवा में लगी हुई हैं.