मथुरा : कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ है. लाखों लोगों का रोजगार चला गया है. ऐसे में कान्हा की नगरी में रोजगार दीदी के नाम से विख्यात शिप्रा राठी खजानी संस्था के माध्यम से गरीब और असहाय महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रहीं हैं. रोजगार दीदी शिप्रा राठी पहले से महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और फैशन डिजाइनिंग का गुर सिखाती आ रही हैं. जिसकी बदौलात कोरोना काल में रंग-बिरंगे मास्क बनाकर संस्था से जुड़ी महिलाएं प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपए तक कमा ले रही हैं. जिससे ये महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं.
रोजगार दीदी के नाम से विख्यात हैं शिप्रा राठी
शहर के डैम्पियर नगर की रहने वाली 45 वर्षीय शिप्रा राठी गरीब और असहाय महिलाओं के लिए रोजगार दीदी के नाम से विख्यात है. वह अपनी संस्था के माध्यम से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराती हैं. आज के इस दौर में लोगों को सबसे ज्यादा जरुरत मास्क की हो रही है. इसे देखते हुए शिप्रा राठी महिलाओं को 5 दिन की ट्रेनिंग देती हैं. इसके बाद महिलाएं रंग-बिरंगे और आकर्षक मास्क तैयार करके बाजार में बेच देती हैं.
पिछले 20 वर्षों से काम कर रही संस्था
खजानी वूमेन पॉलिटेक्निक संस्था पिछले 20 वर्षों से गरीब असहाय महिलाओं के लिए नि:शुल्क सिलाई, कढ़ाई, फैशन डिजाइनिंग, ब्यूटी पार्लर और रंग बिरंगे मास्क बनाने की ट्रेनिंग दे रहा है. वहीं ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद महिलाएं और स्कूली छात्रा अपने घर से ही काम शुरू कर सकती हैं.
हर महीने हजारों कमाती है महिलाएं
वैश्विक महामारी के दौरान खजानी वूमेन पॉलिटेक्निक संस्था से ट्रेनिंग लेने के बाद, महिलाएं कच्चा मेटेरियल अपने घरों पर ले जाकर सैकड़ों मास्क तैयार कर रही है. बता दें कि एक मीटर कपड़े में 10 मास्क तैयार किया जाता है. एक मास्क बाजार में 10 रुपए में बेचा जाता है. जिस पर 3 रुपए की बचत होती है.
- बबली सैनी ने बताया कि कोरोना काल में उनके पति का रोजगार का छूट गया था. जिसके बाद उसने दीदी से संपर्क किया. इस दौरान उन्होंने बबली को 5 दिन की ट्रेनिंग दी. वहीं अब वह हर रोज 3 सौ मास्क तैयार कर लेती है और जो पैसा मिलता है. उसे परिवार का पालन पोषण हो जाता है.
- छात्रा भूमिका चौहान ने बताया कि खजानी वूमेन पॉलिटेक्निक संस्था से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है. वहीं लॉकडाउन होने के बाद उसकी फैमिली में काफी समस्याएं आ गई. परिवार की समस्याओं को देखते हुए वह मास्क बनाने के काम में लगी.
- छात्रा अनीशा अग्रवाल ने बताया कि 1 दिन में 300 सौ मास्क तैयार कर लिए जाते है. पढ़ाई के साथ साथ ब्यूटीशियन का कोर्स भी किया है. हर महीने हजारों रुपए की कमाई हो जाती है.
रोजगार दीदी शिप्रा राठी ने बताया कि संस्था द्वारा नि:शुल्क महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है. इस दौरान सिलाई, कढ़ाई, फैशन डिजाइनिंग और ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि महिलाएं खुद के लिए रोजगार कर कर सके. फिलहाल पिछले 2 वर्षों से मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पिछले साल इन्हीं महिलाओं ने 5 हजार मास्क तैयार किये थे बाजार और फैक्टियों मैं पांच लाख रुपए में मास्क बेचे गए थे. यह महिलाएं कच्चा माल यहां से ले जाती है और घर पर रंग-बिरंगे आकर्षक मास्क तैयार करती है.
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