मथुरा: यूपी के मथुरा स्थित थाना मगोर्रा पर तैनात एक दारोगा को भरतपुर (राजस्थान) से एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau एसीबी) ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि दारोगा प्रेमपाल सिंह एक दहेज प्रकरण के मामले की विवेचना करने भुसावर थाना भरतपुर पहुंचा था. उसने परिवादी पक्ष से प्रकरण में दर्ज धाराएं हटाने की एवज में एक लाख रुपये की डिमांड की थी, जिसमें से दारोगा ने पीड़ित से 30 हजार रुपये बतौर रिश्वत ले भी लिए. इसी दौरान (पूर्व से निर्धारित सूचना के तहत) एसीबी की टीम ने आरोपी दारोगा प्रेमपाल सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल, भुसावर थाना स्थित गांव तरगवां निवासी राजवीर सिंह जो कि राजस्थान पुलिस में भीलवाड़ा थाने पर कांस्टेबल के पद पर तैनात है. कांस्टेबल की पत्नी मिथलेश ने थाना मगोर्रा (मथुरा) में दहेज का मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप है कि पत्नी मिथलेश से राजीनामा करवाने के एवज में उप निरीक्षक प्रेमपाल ने परिवादी राजवीर से एक लाख रुपये रिश्वत मांगी. तय हुआ कि एक लाख रुपये को तीन किस्तों में तीस-तीस हजार रुपये करके चुका दिया जाएगा. इसी उद्देश्य से सोमवार को दारोगा प्रेमपाल परिवादी के तरगवां गांव राजस्थान पहुंच गया. आशंका जताई जा रही है कि परिवादी राजवीर सिंह ने पहले से ही एंटी करप्शन ब्यूरो को इस बात से अवगत कराया होगा. लिहाजा, तय से मुताबिक, एंटी करप्शन ब्यूरो (Rajasthan Anti Corruption Bureau) के सदस्य दारोगा प्रेमपाल के आने का इंतजार कर मॉनिटरिंग कर रहे थे. जैसे ही राजवीर सिंह ने रिश्वत की राशि दारोगा प्रेमपाल सौंपी वैसे ही एसीबी भरतपुर की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
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थाना प्रभारी रंजीत वर्मा ने बताया कि उपनिरीक्षक प्रेमपाल को विवेचना के नाम रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भरतपुर ने गिरफ्तार किया है. दारोगा पर हुई कार्रवाई से मथुरा पुलिस महकमें हडकंप मच हुआ है. प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भरतपुर के उपाधीक्षक पुलिस परमेश्वर आरोपी दारोगा के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.