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मथुरा: किसानों को खारे पानी में मछली पालने के लिए दिया गया प्रशिक्षण - mathura latest news

उत्तर प्रदेश के मथुरा में किसानों को मछली पालने का प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान किसानों को बताया गया कि वह किस तरह से मछली का पालन कर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.

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किसानों को दिया गया मछली पालने का प्रशिक्षण.
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Published : Jan 26, 2020, 6:18 PM IST

मथुरा: वेटरनरी विश्वविद्यालय में किसानों को खारे पानी में झींगा मछली पालने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान भारी संख्या में किसानों ने प्रशिक्षण लिया. किसानों को बताया गया कि खारे पानी में किस तरह से झींगा मछली का पालन कर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. इसके साथ ही मीठे पानी की मछलियों के लिए किसानों को तकनीकी ज्ञान भी दिया गया. किसानों को बताया गया कि वह खाली पड़ी जमीनों पर किस तरह से तालाब बनाकर उसमें खारे पानी में मछलियां पालकर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.

किसानों को दिया गया मछली पालने का प्रशिक्षण.

हमारे द्वारा पिछले साल खारे पानी में 10 तालाबों में झींगा मछली पालकर ट्रायल किया गया था, जो सफल रहा है. इसके बाद हमारे द्वारा जिले के किसानों को आय दोगुनी करने के लिए उनकी खाली पड़ी जमीनें जिनमें अब घास भी उगना मुश्किल है, उन जमीनों पर तालाब बनाकर उनमें खारे पानी में झींगा मछली के साथ-साथ रोहू, कतला, मृगल इसके साथ ही चाइनीज मछलियां सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, ग्रास कार्प आदि मछलियां पालने के लिए प्रशिक्षण दिया गया.

- डॉ. महेश चौहान, सहायक निदेशक मत्स्य विभाग

मथुरा: वेटरनरी विश्वविद्यालय में किसानों को खारे पानी में झींगा मछली पालने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान भारी संख्या में किसानों ने प्रशिक्षण लिया. किसानों को बताया गया कि खारे पानी में किस तरह से झींगा मछली का पालन कर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. इसके साथ ही मीठे पानी की मछलियों के लिए किसानों को तकनीकी ज्ञान भी दिया गया. किसानों को बताया गया कि वह खाली पड़ी जमीनों पर किस तरह से तालाब बनाकर उसमें खारे पानी में मछलियां पालकर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.

किसानों को दिया गया मछली पालने का प्रशिक्षण.

हमारे द्वारा पिछले साल खारे पानी में 10 तालाबों में झींगा मछली पालकर ट्रायल किया गया था, जो सफल रहा है. इसके बाद हमारे द्वारा जिले के किसानों को आय दोगुनी करने के लिए उनकी खाली पड़ी जमीनें जिनमें अब घास भी उगना मुश्किल है, उन जमीनों पर तालाब बनाकर उनमें खारे पानी में झींगा मछली के साथ-साथ रोहू, कतला, मृगल इसके साथ ही चाइनीज मछलियां सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, ग्रास कार्प आदि मछलियां पालने के लिए प्रशिक्षण दिया गया.

- डॉ. महेश चौहान, सहायक निदेशक मत्स्य विभाग

Intro:वेटरनरी विश्वविद्यालय में किसानों को खारे पानी में झींगा मछली पालने के लिए प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान भारी संख्या में किसानों ने प्रशिक्षण लिया. वही किसानों को बताया गया कि खारे पानी में किस तरह से झींगा मछली का पालन कर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. इसके साथ ही मीठे पानी की मछलियों के लिए किसानों को तकनीकी ज्ञान भी दिया गया. किसानों को बताया गया कि वह खाली पड़ी हुई जमीनों पर किस तरह से तालाब बनाकर उसमें खारे पानी में मछलियां पालकर अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं.


Body:वेटरनरी विश्वविद्यालय में खारे पानी में झींगा मछली पालने का किसानों को प्रशिक्षण दिया गया .इस दौरान किसानों को मीठे पानी में मछली पालन के लिए भी तकनीकी ज्ञान दिया गया .इस संदर्भ में जानकारी देते हुए सहायक निर्देशक मत्स्य डॉ महेश चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे द्वारा पिछले साल खारे पानी में 10 तालाबों में झींगा मछली पालकर ट्राइल लिया गया था. जो सक्सेस रहा है और इसके बाद हमारे द्वारा जिले के किसानों को आय दोगुनी करने के लिए उनकी खाली पड़ी जमीनों जिनमें अब घास भी उगना मुश्किल है. उन जमीनों पर तालाब बनाकर उनमें खारे पानी में झींगा मछली के साथ-साथ रोहू, कतला ,मृगल ,इसके साथ ही चाइनीस मछलियां सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, ग्रास कार्प आधी मछली पालने के लिए प्रशिक्षण दिया गया.


Conclusion:वेटरनरी विश्वविद्यालय में सरकार की मंशा के अनुसार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए जिले के किसानों को खारे पानी में झींगा मछली के साथ-साथ अन्य मछलियां पालकर किस तरह से आय दोगुनी की जा सकती है इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया. इसके साथ ही मीठे पानी में मछली पालने के लिए तकनीकी ज्ञान भी किसानों को दिया गया.
बाइट- सहायक निर्देशक मत्स्य डॉ महेश चौहान
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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