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यूक्रेन से मथुरा लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती - एमबीबीएस 5th ईयर

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमक तेवर अपनाते हुए हमले किए जा रहे हैं. इस बीच यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की वापसी के लिए कई देश प्रयास कर रहे हैं. वहीं, भारत सरकार की ओर से भी अपने नागरिकों को भारत लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. इसी कड़ी में जनपद मथुरा के रहने वाले कई छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. सरकार के प्रयास से जनपद मथुरा के कई छात्र-छात्राएं अपने घर सही सलामत पहुंच चुके हैं.

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Published : Mar 1, 2022, 8:48 AM IST

मुथरा: रूस और यूक्रेन के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमक तेवर अपनाते हुए हमले किए जा रहे हैं. इस बीच यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की वापसी के लिए कई देश प्रयास कर रहे हैं. वहीं, भारत सरकार की ओर से भी अपने नागरिकों को भारत लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. इसी कड़ी में जनपद मथुरा के रहने वाले कई छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. सरकार के प्रयास से जनपद मथुरा के कई छात्र-छात्राएं अपने घर सही सलामत पहुंच चुके हैं. यूक्रेन से अपने घर पहुंचे छात्र-छात्राओं ने वहां के हालात से सभी को अवगत कराया.

जनपद मथुरा के राजा निवासी ओम अग्रवाल यूक्रेन में एमबीबीएस 5th ईयर की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन इस बीच वहां रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्घ में फंस गए थे. लेकिन सरकार की मदद से वो अब अपने घर लौट आए हैं. वहीं, घर वापसी और यूक्रेन के हालत पर उन्होंने कहा कि वहां माहौल इतना खराब हो चुका है कि कब क्या हो जाए कुछ भी कहा नहीं जा सकता. हम काफी तनाव में थे. लेकिन जब हमे पता चला कि भारत सरकार हमें वहां से वापस लाने के प्रयास कर रही है तो हमारा आत्मबल बढ़ा और अब घर वापसी के बाद शांति मिली है.

यूक्रेन से मथुरा लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती

इसे भी पढ़ें - Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन में फंसे प्रदेशवासियों की मदद को तत्पर राहत आयुक्त कार्यालय, अब तक हुई 80 लोगों की वापसी

वहीं उन्होंने सही सलामत घर वापसी के लिए सरकार को धन्यवाद भा दिया और कहा कि हम उम्मीद करेंगे कि जो हमारे अन्य साथी वहां अभी भी फंसे हैं, उनकी भी जल्द वतन वापसी हो. ओम आगे बताया कि यूक्रेन में मेरी बहन भी थी, वो बहुत ज्यादा डरी हुई थी. जिसकी वजह से मुझे भी डर लग रहा था. लेकिन वह भी अब सुरक्षित घर लौट चुकी है. हमारी घर वापसी में सरकार का अहम योगदान रहा है. हमें बिल्कुल निशुल्क और सुविधा के साथ बहुत कम समय में घर तक वापस लाया गया है.

वहीं, मथुरा के बरसाना की रहने वाली राधिका गोयल ने बताया कि 22 फरवरी की रात 3 बजे आचनक धमाकों की आवाज सुनाई दी, जिसे सुनकर हॉस्टल में मौजूद सभी छात्र डर गए. सायरन बजने लगे और इसके बाद वहां आफरा-तफरी मच गई. तुरंत सभी लोगों ने बाजार से खाने पीने का सामान स्टॉक कर लिया और हमने एटीम से पैसे निकाल लिए. इस दौरान हमे वहां के प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से बचने को बंकर में रहने के लिए भेज दिया. इवानो के प्रशासन ने हमे बताया कि लगातार सायरल बजे तो तुरंत बंकर में जाकर छिपना है.

आगे उसने बताया कि 25 फरवरी तक लगातार इवानो शहर पर हमले हो रहे थे. एयरपोर्ट पर भी धमके शुरू हो गए थे. ऐसे में हम किसी तरह से 25 की रात को टैक्सी से रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गए. इस दौरान करीब तीन किलोमीटर हम पैदल भी चले. वहीं, हमारी भारतीय दूतावास ने भी काफी मदद की. टैक्सी पर तिरंगा लगा होने के कारण न तो रूसी सेना ने और न ही यूक्रेन की सेना ने हमारी गाड़ी को रोका. सरकार की वजह आज हम लोग अपने वतन सुरक्षित लौटे हैं.

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मुथरा: रूस और यूक्रेन के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमक तेवर अपनाते हुए हमले किए जा रहे हैं. इस बीच यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की वापसी के लिए कई देश प्रयास कर रहे हैं. वहीं, भारत सरकार की ओर से भी अपने नागरिकों को भारत लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. इसी कड़ी में जनपद मथुरा के रहने वाले कई छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. सरकार के प्रयास से जनपद मथुरा के कई छात्र-छात्राएं अपने घर सही सलामत पहुंच चुके हैं. यूक्रेन से अपने घर पहुंचे छात्र-छात्राओं ने वहां के हालात से सभी को अवगत कराया.

जनपद मथुरा के राजा निवासी ओम अग्रवाल यूक्रेन में एमबीबीएस 5th ईयर की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन इस बीच वहां रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्घ में फंस गए थे. लेकिन सरकार की मदद से वो अब अपने घर लौट आए हैं. वहीं, घर वापसी और यूक्रेन के हालत पर उन्होंने कहा कि वहां माहौल इतना खराब हो चुका है कि कब क्या हो जाए कुछ भी कहा नहीं जा सकता. हम काफी तनाव में थे. लेकिन जब हमे पता चला कि भारत सरकार हमें वहां से वापस लाने के प्रयास कर रही है तो हमारा आत्मबल बढ़ा और अब घर वापसी के बाद शांति मिली है.

यूक्रेन से मथुरा लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती

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वहीं उन्होंने सही सलामत घर वापसी के लिए सरकार को धन्यवाद भा दिया और कहा कि हम उम्मीद करेंगे कि जो हमारे अन्य साथी वहां अभी भी फंसे हैं, उनकी भी जल्द वतन वापसी हो. ओम आगे बताया कि यूक्रेन में मेरी बहन भी थी, वो बहुत ज्यादा डरी हुई थी. जिसकी वजह से मुझे भी डर लग रहा था. लेकिन वह भी अब सुरक्षित घर लौट चुकी है. हमारी घर वापसी में सरकार का अहम योगदान रहा है. हमें बिल्कुल निशुल्क और सुविधा के साथ बहुत कम समय में घर तक वापस लाया गया है.

वहीं, मथुरा के बरसाना की रहने वाली राधिका गोयल ने बताया कि 22 फरवरी की रात 3 बजे आचनक धमाकों की आवाज सुनाई दी, जिसे सुनकर हॉस्टल में मौजूद सभी छात्र डर गए. सायरन बजने लगे और इसके बाद वहां आफरा-तफरी मच गई. तुरंत सभी लोगों ने बाजार से खाने पीने का सामान स्टॉक कर लिया और हमने एटीम से पैसे निकाल लिए. इस दौरान हमे वहां के प्रशासन ने किसी अप्रिय घटना से बचने को बंकर में रहने के लिए भेज दिया. इवानो के प्रशासन ने हमे बताया कि लगातार सायरल बजे तो तुरंत बंकर में जाकर छिपना है.

आगे उसने बताया कि 25 फरवरी तक लगातार इवानो शहर पर हमले हो रहे थे. एयरपोर्ट पर भी धमके शुरू हो गए थे. ऐसे में हम किसी तरह से 25 की रात को टैक्सी से रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गए. इस दौरान करीब तीन किलोमीटर हम पैदल भी चले. वहीं, हमारी भारतीय दूतावास ने भी काफी मदद की. टैक्सी पर तिरंगा लगा होने के कारण न तो रूसी सेना ने और न ही यूक्रेन की सेना ने हमारी गाड़ी को रोका. सरकार की वजह आज हम लोग अपने वतन सुरक्षित लौटे हैं.

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