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श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी, फैसले का साधु-संतों ने किया स्वागत - UP News

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में प्रतिदिन होने के फैसले पर श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब मंदिर परिसर से मस्जिद हटाई जाएगी.

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Published : May 27, 2023, 3:44 PM IST

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण की सुनवाई हाईकोर्ट में होने पर खुशी जाहिर करते श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण की सुनवाई अब जिला न्यायालय में नहीं होगी. सभी मामलों की सुनवाई अब हाईकोर्ट में होगी. इस फैसले से साधु संत और संगठनों में जश्न का माहौल है. उच्च न्यायालय में अब प्रतिदिन स्पेशल बेंच मामले की सुनवाई करेगी. जिला न्यायालय ने केस से संबंधित पत्रावलियां दो हफ्ते में भेजने के आदेश दिए हैं.

श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है. श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर सभी लंबित मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में कराने को लेकर शुक्रवार को आदेश जारी हुए हैं. सभी वादी पक्ष खुश हो रहे हैं तो वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा नाराजगी देखी जा रही है. दरअसल, मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण से संबंधित 15 वाद विचाराधीन हैं. चार वाद में पोषणीयता पर सुनवाई चल रही है. सभी वादी द्वारा 1968 श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता और 1974 में न्यायालय में हुई डिक्री रद करने की मांग की जा रही है.

पूर्व में हुए समझौते पर एक नजर
पूर्व में हुए समझौते पर एक नजर

तीन साल पहले न्यायालय में दाखिल हुए वादः श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद हटाने को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने 25 सितंबर 2020 में याचिका दाखिल की गई थी. उसके बाद मनीष यादव ने 15 दिसंबर 2020, महेंद्र प्रताप सिंह ने 23 दिसंबर 2020, पवन शास्त्री ने 2 फरवरी 2021, दिनेश चंद शर्मा ने 2 मार्च 2021, शैलेंद्र सिंह ने 12 मार्च 2021, अनिल त्रिपाठी ने 31 मार्च 2021, जितेंद्र सिंह बिसेन ने 7 सितंबर 2021, गोपाल गिरी महाराज ने 24 सितंबर 2021, विष्णु गुप्ता ने 8 दिसंबर 2022, आशुतोष पांडे ने 2 जनवरी 2023, अजय प्रताप सिंह ने 12 अप्रैल 2023, नरेश यादव ने 22 मई 2023, हरिशंकर जैन ने 23 मई 2023, महेंद्र प्रताप सिंह ने 23 दिसंबर 2022 में याचिकाएं सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में दाखिल की थीं. सभी मामले अभी विचाराधीन हैं.

संतो ने बताया ऐतिहासिक फैसलाः श्री कृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मस्जिद को लेकर जिला न्यायालय कोर्ट में पिछले तीन वर्षों से मामले विचाराधीन हैं. अचानक श्री कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई उच्च न्यायालय में होने की सूचना पर साधु संत और सामाजिक संगठन में जश्न का माहौल है. श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने उच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब मंदिर परिसर से मस्जिद हटाई जाएगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस प्रकरण को लेकर प्रतिदिन सुनवाई होगी और स्पेशल बेंच बैठेगी.

मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाया जाएः श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया विदेशी हुकमाराम और मुगल शासक पूर्व में भारत पर आक्रमण करते हुए आए और मंदिरों को तोड़कर लूटपाट की गई. उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर कई बार तोड़ा गया. उस स्थान पर अवैध मस्जिदों का निर्माण किया गया. हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया. हम सभी सनातनी यही चाहते हैं कि जिन मंदिरों को पूर्व में तोड़कर मस्जिद बनाई गईं, अब उन्हें हटाकर भव्य मंदिर बनाकर तैयार किया जाए.

ये भी पढ़ेंः केन नदी में पलटी गयी नाव और डूबने लगे 8 लोग, देखें फिर क्या हुआ

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण की सुनवाई हाईकोर्ट में होने पर खुशी जाहिर करते श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण की सुनवाई अब जिला न्यायालय में नहीं होगी. सभी मामलों की सुनवाई अब हाईकोर्ट में होगी. इस फैसले से साधु संत और संगठनों में जश्न का माहौल है. उच्च न्यायालय में अब प्रतिदिन स्पेशल बेंच मामले की सुनवाई करेगी. जिला न्यायालय ने केस से संबंधित पत्रावलियां दो हफ्ते में भेजने के आदेश दिए हैं.

श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है. श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर सभी लंबित मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में कराने को लेकर शुक्रवार को आदेश जारी हुए हैं. सभी वादी पक्ष खुश हो रहे हैं तो वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा नाराजगी देखी जा रही है. दरअसल, मथुरा जिला न्यायालय कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण से संबंधित 15 वाद विचाराधीन हैं. चार वाद में पोषणीयता पर सुनवाई चल रही है. सभी वादी द्वारा 1968 श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता और 1974 में न्यायालय में हुई डिक्री रद करने की मांग की जा रही है.

पूर्व में हुए समझौते पर एक नजर
पूर्व में हुए समझौते पर एक नजर

तीन साल पहले न्यायालय में दाखिल हुए वादः श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से शाही ईदगाह मस्जिद हटाने को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने 25 सितंबर 2020 में याचिका दाखिल की गई थी. उसके बाद मनीष यादव ने 15 दिसंबर 2020, महेंद्र प्रताप सिंह ने 23 दिसंबर 2020, पवन शास्त्री ने 2 फरवरी 2021, दिनेश चंद शर्मा ने 2 मार्च 2021, शैलेंद्र सिंह ने 12 मार्च 2021, अनिल त्रिपाठी ने 31 मार्च 2021, जितेंद्र सिंह बिसेन ने 7 सितंबर 2021, गोपाल गिरी महाराज ने 24 सितंबर 2021, विष्णु गुप्ता ने 8 दिसंबर 2022, आशुतोष पांडे ने 2 जनवरी 2023, अजय प्रताप सिंह ने 12 अप्रैल 2023, नरेश यादव ने 22 मई 2023, हरिशंकर जैन ने 23 मई 2023, महेंद्र प्रताप सिंह ने 23 दिसंबर 2022 में याचिकाएं सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में दाखिल की थीं. सभी मामले अभी विचाराधीन हैं.

संतो ने बताया ऐतिहासिक फैसलाः श्री कृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मस्जिद को लेकर जिला न्यायालय कोर्ट में पिछले तीन वर्षों से मामले विचाराधीन हैं. अचानक श्री कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई उच्च न्यायालय में होने की सूचना पर साधु संत और सामाजिक संगठन में जश्न का माहौल है. श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने उच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब मंदिर परिसर से मस्जिद हटाई जाएगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस प्रकरण को लेकर प्रतिदिन सुनवाई होगी और स्पेशल बेंच बैठेगी.

मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाया जाएः श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया विदेशी हुकमाराम और मुगल शासक पूर्व में भारत पर आक्रमण करते हुए आए और मंदिरों को तोड़कर लूटपाट की गई. उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर कई बार तोड़ा गया. उस स्थान पर अवैध मस्जिदों का निर्माण किया गया. हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया. हम सभी सनातनी यही चाहते हैं कि जिन मंदिरों को पूर्व में तोड़कर मस्जिद बनाई गईं, अब उन्हें हटाकर भव्य मंदिर बनाकर तैयार किया जाए.

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