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मथुरा: 26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण, साधुओं ने यमुना नदी की सफाई की अपील - 26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण

उत्तर प्रदेश के मथुरा में वृंदावन अध्यात्म रक्षा मंच की एक बैठक की गई और यह बैठक उमापीठाधीश्वर स्वामी राम देवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में साधुओं ने सरकार से यमुना नदी के साफ-सफाई के लिए अपील की है.

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अध्यात्म रक्षा मंच की हुई बैठक
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Published : Dec 23, 2019, 12:04 PM IST

मथुरा: वृंदावन अध्यात्म रक्षा मंच की एक बैठक की गई. यह बैठक दुसायत मोहल्ला स्थित ठाकुर राधा हे बिहारी मंदिर में उमापीठाधीश्वर स्वामी राम देवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित हुई. इसमें 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के साथ यमुना में व्याप्त गंदगी को दूर करने के लिए यमुना ओखला बैराज से शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग सरकार से की गई.

अध्यात्म रक्षा मंच की हुई बैठक
26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण
  • 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के चलते सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा वृंदावन पहुंचेंगे.
  • यमुना के घाटों पर और यमुना में व्याप्त गंदगी को देखते हुए साधु संत चिंतित दिखाई पड़ रहे हैं.
  • साधु संतों का कहना है कि सनातन धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के पर्व का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है.
  • सूर्य ग्रहण के दिन भारत की पवित्र नदियों में स्नान करने की प्राचीन परंपरा रही है.
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यमुना में शुद्ध जल का प्रभाव 26 दिसंबर को करना चाहिए.
  • सूर्य ग्रहण का समय स्नान दान आदि से जुड़ा हुआ है और नदियों में पवित्र जल प्रभाव होना अति आवश्यक है.
  • ब्रज में अक्रूट घाट, केसी घाट, विश्राम घाट आदि स्थानों पर सूर्य ग्रहण पर यमुना स्नान करने का विशेष महत्व है.

इसे भी पढ़ें:- मथुरा: प्रवचन वाचक महिला न्याय के आस लिए काट रही कार्यालय के चक्कर

मथुरा: वृंदावन अध्यात्म रक्षा मंच की एक बैठक की गई. यह बैठक दुसायत मोहल्ला स्थित ठाकुर राधा हे बिहारी मंदिर में उमापीठाधीश्वर स्वामी राम देवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित हुई. इसमें 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के साथ यमुना में व्याप्त गंदगी को दूर करने के लिए यमुना ओखला बैराज से शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग सरकार से की गई.

अध्यात्म रक्षा मंच की हुई बैठक
26 दिसंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण
  • 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के चलते सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा वृंदावन पहुंचेंगे.
  • यमुना के घाटों पर और यमुना में व्याप्त गंदगी को देखते हुए साधु संत चिंतित दिखाई पड़ रहे हैं.
  • साधु संतों का कहना है कि सनातन धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के पर्व का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है.
  • सूर्य ग्रहण के दिन भारत की पवित्र नदियों में स्नान करने की प्राचीन परंपरा रही है.
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यमुना में शुद्ध जल का प्रभाव 26 दिसंबर को करना चाहिए.
  • सूर्य ग्रहण का समय स्नान दान आदि से जुड़ा हुआ है और नदियों में पवित्र जल प्रभाव होना अति आवश्यक है.
  • ब्रज में अक्रूट घाट, केसी घाट, विश्राम घाट आदि स्थानों पर सूर्य ग्रहण पर यमुना स्नान करने का विशेष महत्व है.

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Intro:वृंदावन अध्यात्म रक्षा मंच की एक बैठक दुसायत मोहल्ला स्थित ठाकुर राधा हे बिहारी मंदिर में उमापीठाधीश्वर स्वामी राम देवानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित हुई .जिसमें 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के साथ यमुना में व्याप्त गंदगी को दूर करने के लिए यमुना ओखला बैराज से शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग सरकार से की गई.


Body:26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के चलते सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा वृंदावन पहुंचेंगे , यमुना के घाटों पर और यमुना में व्याप्त गंदगी को देखते हुए साधु संत चिंतित हैं .साधु संतों ने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के पर्व का विशेष महत्व हमारे शास्त्रों में बताया गया है .सूर्य ग्रहण के दिन भारत की पवित्र नदियों में स्नान करने की प्राचीन परंपरा रही है. जिसके चलते राज्य सरकार को यमुना में शुद्ध जल का प्रभाव 26 दिसंबर को करना चाहिए .सूर्य ग्रहण का समय स्नान दान आदि से जुड़ा हुआ है ,तथा नदियों में पवित्र जल प्रभाव होना अति आवश्यक है. ब्रज में अक्रूट घाट ,केसी घाट ,विश्राम घाट आदि स्थानों पर सूर्य ग्रहण पर यमुना स्नान करने का विशेष महत्व है .जिसको देखते हुए बिरज में यमुना स्नान करने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.


Conclusion:26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को देखते हुए मथुरा के साधु संत चिंतित हैं .साधु संतों ने सरकार से आग्रह किया है कि 26 दिसंबर को यमुना नदी में शुद्ध जल छोड़ा जाए, जिससे कि देश विदेश से भारी संख्या में पहुंचने वाले साधु संतों को शुद्ध यमुना जल में आचमन करने को मिल सके, और साधु-संतों ने परिक्रमा मार्ग आदि स्थानों पर लाइटिंग और साफ-सफाई की व्यवस्था की भी मांग की है.
बाइट- राम देवानंद सरस्वती
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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