मथुरा: गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन में मुड़िया संतों ने बड़े ही धूमधाम के साथ भव्य शोभायात्रा कस्बे में निकाली. ढोल-नगाड़े और मृदंग की धुन पर नाचते गाते हुए संतों ने चकलेश्वर मंदिर से शोभायात्रा शुरू की और परिक्रमा मार्ग के मुखारविंद मंदिर पर शोभायात्रा का समापन किया. हालांकि कोरोना वायरस के चलते इस बार श्रद्धालुओं की कमी महसूस की गई.
गोवर्धन कस्बे के चकलेश्वर स्थित सनातन गोस्वामी की समाधि स्थल से 500 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया. गुरु पूर्णिमा पर्व से एक दिन पहले मुड़िया संतों ने अपने सिर के बाल मुंडवाए. इसके बाद गुरु पूर्णिमा के दिन यानि रविवार को कस्बे में ढोल, नगाड़े और मृदंग की धुन पर नाचते हुए मुड़िया संतों ने शोभायात्रा निकाली. शोभा यात्रा में संतों ने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया.
मुड़िया संत रामकृष्ण दास ने बताया कि 500 वर्ष पुरानी परंपरा का आज भी निर्वहन किया. सनातन धर्म के संतों ने रविवार को कस्बे में शोभा यात्रा निकाली. कोरोना वायरस के चलते इस बार श्रद्धालुओं की कमी महसूस की गई. गुरु पूर्णिमा पर्व पर लाखों श्रद्धालु गोवर्धन में परिक्रमा करने के लिए आते हैं, लेकिन वैश्विक बीमारी के चलते इस बार मेला निरस्त किया गया है.