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मथुरा: मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने वाले शिव सैनिक ने कहा, बाल ठाकरे के अनुसार बनी थी प्लानिंग - राम मंदिर निर्माण आंदोलन

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के निवासी राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने वाले शिव सैनिक सुरेश बधेल ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से पूरे देश में खुशी का माहौल है. मंदिर निर्माण के लिए किया गया आंदोलन सफल हो गया.

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जानकारी देते शिव सैनिक सुरेश बघेल.
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Published : Aug 5, 2020, 3:25 AM IST

मथुरा: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को पीएम मोदी आधारशिला रखेंगे. राम मंदिर निर्माण आंदोलन में हिस्सा लेने वाले शिव सैनिक सुरेश बधेल ने कहा कि मंदिर निर्माण से पूरा देश खुश है. मंदिर निर्माण के लिए किया गया आंदोलन सफल हो गया. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हजारों कार्य सेवकों ने अपने लहू से सरयू नदी को लाल कर दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि यह बाबरी मस्जिद नहीं बल्कि, बाबरे लोगों की महाजिद थी.

जानकारी देते शिव सैनिक सुरेश बघेल.
वृंदावन के गौरा नगर निवासी शिव सैनिक सुरेश बघेल को अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के दूसरे चरण में विवादित परिसर के पास से गिरफ्तार किया गया था. बताया जाता है कि इनके पास से विस्फोटक सामग्री बरामद होने पर गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद इन्हें टाडा काननू के तहत जेल भेज दिया गया था. सुरेश बघेल ने बताया कि 14 महीने की उन्हें जेल हुई और 18 साल तक मुकदमा चला. 2008 में 5 साल की सजा और चार हजार जुर्माना लगाया गया. फास्ट ट्रैक कोर्ट से निर्णय के बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया.

उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान 17 नवंबर 1990 हजारों शिव सैनिकों की बाला साहब ठाकरे से अयोध्या में एक विशेष मुलाकात हुई थी. इसमें यह तय किया गया था कि शिव सैनिक सरयू नदी से जल लाकर हनुमानगढ़ी तक सत्याग्रह करेंगे और पुलिस गिरफ्तार करने के बाद उन्हें रिहा कर देगी.

आंदोलन के तीसरे चरण में हुआ था विध्वंस

बघेल के अनुसार राम मंदिर आंदोलन का दूसरा चरण 6 दिसंबर 1990 में शुरू हुआ था. इस कार सेवा का नेतृत्व स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज कर रहे थे. वहीं तीसरे चरण की कार सेवा के दौरान अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस किया गया था.

मथुरा: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को पीएम मोदी आधारशिला रखेंगे. राम मंदिर निर्माण आंदोलन में हिस्सा लेने वाले शिव सैनिक सुरेश बधेल ने कहा कि मंदिर निर्माण से पूरा देश खुश है. मंदिर निर्माण के लिए किया गया आंदोलन सफल हो गया. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हजारों कार्य सेवकों ने अपने लहू से सरयू नदी को लाल कर दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि यह बाबरी मस्जिद नहीं बल्कि, बाबरे लोगों की महाजिद थी.

जानकारी देते शिव सैनिक सुरेश बघेल.
वृंदावन के गौरा नगर निवासी शिव सैनिक सुरेश बघेल को अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के दूसरे चरण में विवादित परिसर के पास से गिरफ्तार किया गया था. बताया जाता है कि इनके पास से विस्फोटक सामग्री बरामद होने पर गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद इन्हें टाडा काननू के तहत जेल भेज दिया गया था. सुरेश बघेल ने बताया कि 14 महीने की उन्हें जेल हुई और 18 साल तक मुकदमा चला. 2008 में 5 साल की सजा और चार हजार जुर्माना लगाया गया. फास्ट ट्रैक कोर्ट से निर्णय के बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया.

उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान 17 नवंबर 1990 हजारों शिव सैनिकों की बाला साहब ठाकरे से अयोध्या में एक विशेष मुलाकात हुई थी. इसमें यह तय किया गया था कि शिव सैनिक सरयू नदी से जल लाकर हनुमानगढ़ी तक सत्याग्रह करेंगे और पुलिस गिरफ्तार करने के बाद उन्हें रिहा कर देगी.

आंदोलन के तीसरे चरण में हुआ था विध्वंस

बघेल के अनुसार राम मंदिर आंदोलन का दूसरा चरण 6 दिसंबर 1990 में शुरू हुआ था. इस कार सेवा का नेतृत्व स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज कर रहे थे. वहीं तीसरे चरण की कार सेवा के दौरान अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस किया गया था.

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