मथुरा: जनपद के मांट उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के 4 सदस्यों को शांति भंग की 151 की धारा में मंगलवार को दोष मुफ्त कर दिया. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि छह महीने से ज्यादा समय भी जाने के बाद भी पुलिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों पर शांति भंग का आरोप सिद्ध नहीं कर पाई. हालांकि PFI के ये सदस्य अन्य मामलों में जिला कारागार में बन्द रहेंगे.
5 अक्टूबर 2020 को पकड़े गए थे PFI के चार सदस्य
जनपद के मांट टोल प्लाजा पर बीते 5 अक्टूबर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(popular front of india ) के चार सदस्यों अतीकुर्रहमान, आलम, मसूद, सिद्दीकी कप्पन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पकड़े गए व्यक्तियों में एक केरल का निवासी भी था. जिनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, जस्टिस फॉर हाथरस के पंपलेट बरामद हुए थे. पुलिस ने चारों पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों, देशद्रोह और शांति भंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था.
आरोपियों के खिलाफ 3 अप्रैल को दाखिल हुई थी चार्जशीट
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पकड़े गए सदस्यों के मामले में नोएडा एसटीएफ की टीम जांच कर रही है. फिलहाल पीएफआई सदस्य अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम, सिद्दीकी कप्पन जिला कारागार में बंद हैं. पीएफआई सदस्यों पर देशद्रोह और विदेशों से फंडिंग के मामले मे नोएडा एसटीएफ ने 3 अप्रैल को पांच हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी.
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मंगलवार को जनपद के मांट उपजिलाधिकारी कोर्ट ने पीएफआई के 4सदस्यों को शांति भंग की धारा 151 में दोष मुफ्त कर दिया है. पुलिस ने फर्जी 151 की धारा लगाकर सदस्यों को जेल भेज दिया था. छह माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोप सिद्ध नहीं कर पाई. जिसके चलते सभी को दोष मुफ्त किया गया है.
-मधुवन दत्त चतुर्वेदी, अधिवक्ता आरोपी पक्ष
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