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संत कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा- ज्ञानवापी के बाद अब मथुरा की शाही मस्जिद ईदगाह में भी हो सर्वे

काशी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग के मिलने दावे के बाद अब ब्रज के संतों व धर्माचार्यों में उल्लास का माहौल है. उनका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग का मिलना मुगल आक्रांताओं के अत्याचार का सबसे बड़ा प्रमाण है. साथ ही यहां के संतों ने अब मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी सर्वे की मांग की है.

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Published : May 17, 2022, 10:26 AM IST

मथुरा: काशी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग के मिलने दावे के बाद अब ब्रज के संतों व धर्माचार्यों में उल्लास का माहौल है. उनका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग का मिलना मुगल आक्रांताओं के अत्याचार का सबसे बड़ा प्रमाण है. साथ ही यहां के संतों ने अब मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी सर्वे की मांग की है. काशी विद्वत परिषद पश्चिम भारत प्रभारी कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि राम, कृष्ण, शिव सत्य है और सत्य सुंदर होता है. उसको न छिपाया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है. औरंगजेब, बाबर जैसे लोगों ने देश पर आक्रमण किया. सोना-चांदी लूटा, मूर्तियों को खंडित किया, मंदिरों पर गुंबद लगाकर मस्जिद बना दीं. जहां-जहां आक्रमणकारियों ने मंदिरों पर गुंबद लगाकर मस्जिद बनाई है, वहां सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार जांच कराए. उन्होंने मांग की, कि मथुरा में भी कृष्ण जन्मभूमि पर बनी मस्जिद का शीघ्र सर्वे हो. यहां भी देवी-देवताओं की मूर्ति व सनातन धर्म संस्कृति के चिन्ह मिलेंगे.

संत कार्ष्णि नागेंद्र महाराज

इसे भी पढ़ें - ज्ञानवापी विवाद: सुप्रीम कोर्ट में आज पेश नहीं होगी कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट, जानें ये है वजह...

काशी विद्वत परिषद पश्चिम भारत प्रभारी कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने बताया कि ज्ञानवापी जो कि श्रृंगार गौरी माता का मंदिर है, वहां शिवलिंग का मिलना ही एक बड़ा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर ये लोग वजू करते हैं, वही शिवलिंग मिला है. ऐसे में मेरा हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से निवेदन है कि जहां-जहां अतिक्रमणकारियों ने मंदिरों को हटाकर मस्जिद बनाई है, उस स्थान पर सर्वे कराए जाए.

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मथुरा: काशी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग के मिलने दावे के बाद अब ब्रज के संतों व धर्माचार्यों में उल्लास का माहौल है. उनका कहना है कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग का मिलना मुगल आक्रांताओं के अत्याचार का सबसे बड़ा प्रमाण है. साथ ही यहां के संतों ने अब मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी सर्वे की मांग की है. काशी विद्वत परिषद पश्चिम भारत प्रभारी कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि राम, कृष्ण, शिव सत्य है और सत्य सुंदर होता है. उसको न छिपाया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है. औरंगजेब, बाबर जैसे लोगों ने देश पर आक्रमण किया. सोना-चांदी लूटा, मूर्तियों को खंडित किया, मंदिरों पर गुंबद लगाकर मस्जिद बना दीं. जहां-जहां आक्रमणकारियों ने मंदिरों पर गुंबद लगाकर मस्जिद बनाई है, वहां सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार जांच कराए. उन्होंने मांग की, कि मथुरा में भी कृष्ण जन्मभूमि पर बनी मस्जिद का शीघ्र सर्वे हो. यहां भी देवी-देवताओं की मूर्ति व सनातन धर्म संस्कृति के चिन्ह मिलेंगे.

संत कार्ष्णि नागेंद्र महाराज

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काशी विद्वत परिषद पश्चिम भारत प्रभारी कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने बताया कि ज्ञानवापी जो कि श्रृंगार गौरी माता का मंदिर है, वहां शिवलिंग का मिलना ही एक बड़ा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर ये लोग वजू करते हैं, वही शिवलिंग मिला है. ऐसे में मेरा हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से निवेदन है कि जहां-जहां अतिक्रमणकारियों ने मंदिरों को हटाकर मस्जिद बनाई है, उस स्थान पर सर्वे कराए जाए.

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