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करोड़ों खर्च फिर भी यमुना का पानी पीने और आचमन लायक नहीं: ताराचंद गोस्वामी

मोक्षदायिनी यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए समिति के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद गोस्वामी के नेतृत्व में संतों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी यमुना का जल आचमन के लायक भी नहीं हो पाया है.

संतों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया
संतों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया
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Published : Feb 9, 2021, 4:38 PM IST

मथुरा: मोक्षदायिनी यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए किसान गरीब मजदूर समिति का आंदोलन जारी है. इसी श्रृंखला में समिति के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद गोस्वामी के नेतृत्व में संतों और कार्यकर्ताओं द्वारा जुगलघाट पर नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया गया. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने यमुना रेती से स्नान कर रोष जताया.

संतों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

प्रदर्शन कर रहे यमुना भक्तों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं, जबकि कुंभ मेला भी शुरू होने वाला है. इसके बावजूद अभी तक न तो यमुना में गिरने वाले नाले पूरी तरह से टेप किए गए हैं और न ही यमुना में शुद्ध जल आया है.

समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने दी जानकारी

समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने बताया कि यह वृंदावन धाम है, जुगल घाट पर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही यहां पर आगरा मंडल आयुक्त आए थे. हमने देखा कि यहां पर उनके जो प्रदूषण विभाग के अधिकारी हैं उनके द्वारा उन्हें आरो का पानी पिलाया गया और कहा कि पानी बहुत शुद्ध हो चुका है. हम यह पूछना चाहते हैं कि आप अंधेरे में अधिकारियों को क्यों रखना चाहते हैं. आज इस पानी को पी कर देखिए. वास्तव में कुंभ जो होता है, वह स्नान के लिए, आचमन के लिए होता है और हम रेती से इसलिए स्नान कर रहे हैं कि यमुना के अंदर शुद्ध पानी नहीं है.

ताराचंद गोस्वामी ने कहा कि 14 फरवरी को प्रदेश के मुखिया यहां पर उद्घाटन करने के लिए कुंभ का आ रहे हैं, तो यह कैसा उद्घाटन होगा. जब देश के संत और श्रद्धालु यहां गंदा पानी पिएंगे और इसमें आचमन करेंगे. यह लोग करोड़ों रुपये का घोटाला कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें: वाल्मीकि समाज ने सफाई कर्मचारी आयोग को अवगत कराई अपनी समस्याएं

यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिए किया प्रदर्शन

लंबे समय से यमुना शुद्धिकरण की मांग को लेकर विरोध चला आ रहा है. साधु-संत और समाज सेवी विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन से यमुना में शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं. अब कुछ दिनों बाद ही कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है, जिसको लेकर लगातार साधु-संत और समाजसेवी यमुना में शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अभी तक न ही यमुना में गिरने वाले नालों को टेप किया गया और न ही यमुना में शुद्ध जल छोड़ा गया है.

मथुरा: मोक्षदायिनी यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए किसान गरीब मजदूर समिति का आंदोलन जारी है. इसी श्रृंखला में समिति के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद गोस्वामी के नेतृत्व में संतों और कार्यकर्ताओं द्वारा जुगलघाट पर नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया गया. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने यमुना रेती से स्नान कर रोष जताया.

संतों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

प्रदर्शन कर रहे यमुना भक्तों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं, जबकि कुंभ मेला भी शुरू होने वाला है. इसके बावजूद अभी तक न तो यमुना में गिरने वाले नाले पूरी तरह से टेप किए गए हैं और न ही यमुना में शुद्ध जल आया है.

समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने दी जानकारी

समाजसेवी ताराचंद गोस्वामी ने बताया कि यह वृंदावन धाम है, जुगल घाट पर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही यहां पर आगरा मंडल आयुक्त आए थे. हमने देखा कि यहां पर उनके जो प्रदूषण विभाग के अधिकारी हैं उनके द्वारा उन्हें आरो का पानी पिलाया गया और कहा कि पानी बहुत शुद्ध हो चुका है. हम यह पूछना चाहते हैं कि आप अंधेरे में अधिकारियों को क्यों रखना चाहते हैं. आज इस पानी को पी कर देखिए. वास्तव में कुंभ जो होता है, वह स्नान के लिए, आचमन के लिए होता है और हम रेती से इसलिए स्नान कर रहे हैं कि यमुना के अंदर शुद्ध पानी नहीं है.

ताराचंद गोस्वामी ने कहा कि 14 फरवरी को प्रदेश के मुखिया यहां पर उद्घाटन करने के लिए कुंभ का आ रहे हैं, तो यह कैसा उद्घाटन होगा. जब देश के संत और श्रद्धालु यहां गंदा पानी पिएंगे और इसमें आचमन करेंगे. यह लोग करोड़ों रुपये का घोटाला कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें: वाल्मीकि समाज ने सफाई कर्मचारी आयोग को अवगत कराई अपनी समस्याएं

यमुना प्रदूषण मुक्ति के लिए किया प्रदर्शन

लंबे समय से यमुना शुद्धिकरण की मांग को लेकर विरोध चला आ रहा है. साधु-संत और समाज सेवी विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन से यमुना में शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं. अब कुछ दिनों बाद ही कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है, जिसको लेकर लगातार साधु-संत और समाजसेवी यमुना में शुद्ध जल छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अभी तक न ही यमुना में गिरने वाले नालों को टेप किया गया और न ही यमुना में शुद्ध जल छोड़ा गया है.

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