मथुरा: वृंदावन में होने वाले कुंभ मेले को लेकर शासन-प्रशासन द्वारा कोई सुध न लेने के चलते साधु संतों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है , जिसको लेकर साधु संतों द्वारा वृंदावन में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें आगे की रणनीति बनाई गई. हरिद्वार से पहले वृंदावन में आयोजित होने वाले कुंभ को लेकर जहां शासन-प्रशासन द्वारा करीब एक साल पूर्व ही तैयारियां शुरू कर दी थीं. वहीं मार्च माह में कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू होने पर अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कुम्भ मेला आयोजित करने की ओर सुध नहीं ली जा रही है. इससे आक्रोशित अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा के संतों द्वारा मंगलवार को परिक्रमा मार्ग स्थित चैतन्य कुटी में बैठक आयोजित की गई.
बैठक में संतों ने जहां कुंभ की तैयारियों को लेकर शासन-प्रशासन की अनदेखी पर आक्रोश जताया. वहीं इस कुंभ मेले को संत समागम का नाम देने पर भी अपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात करने और डीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया. संतों का कहना है कि कुंभ मेले का आयोजन वह हर हाल में करेंगे. अब शासन-प्रशासन को इसमें क्या करना है, यह निर्णय उनका है. महंत धर्मराज महाराज ने बताया कि "2021 में कुंभ अवश्य होगा, चाहे वह सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर किया जाए, सरकार के नियम के अनुसार किया जाए. हम लोग 2021 में कुंभ जरूर करेंगे. तैयारियां प्रारंभ करना सरकार का काम है. हम लोग धार्मिक आदमी हैं, धर्म की व्यवस्था जानते हैं कि क्या करना है क्या नहीं."
धर्मराज महाराज ने कहा कि "सरकार हम लोगों की जितनी मदद करती है, मेला कैसे लगाती है, क्या कराएगी वह सरकार जाने. लेकिन हम लोगों को कुंभ लगाना है. हर बार यहां कुंभ करके हम हरिद्वार जाते हैं. पृथ्वी पर केवल वृंदावन में भक्ति का कुंभ होता है. इसलिए इस कुंभ को बहुत भव्य बनाने की कोशिश आप लोग कीजिए."
साधु संतों का कहना था कि कुंभ मेला वृंदावन में किसी भी अवस्था में किया जाएगा. अब यह सरकार की चिंता है कि वह कुंभ मेले को लेकर किस तरह से व्यवस्था करती है. सरकार के नियमों के अनुसार की कुंभ मेला करा दिया जाए .यहां के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जब तक ऊपर से डंडा नहीं चलेगा जब तक वह नहीं जागेंगे.