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मथुरा : बांके बिहारी मंदिर खुलवाने को सन्त व भक्तों ने की आवाज बुलंद

यूपी के मथुरा के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए कोरोनाकाल के चलते सात माह बाद खुले थे. लेकिन अव्यवस्थाओं का हवाला देकर खुलने के दो दिन बाद ही 19 अक्टूबर से पुनः बंद कर दिए गए. इससे श्रद्धालु व भक्तों के साथ-साथ व्यापारी एवं आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है.

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Published : Oct 19, 2020, 8:10 PM IST

बांके बिहारी मंदिर खुलवाने को सन्त व भक्त ने की आवाज बुलंद.
बांके बिहारी मंदिर खुलवाने को सन्त व भक्त ने की आवाज बुलंद.

मथुरा : विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए कोरोनाकाल के चलते सात माह बाद खुले थे. लेकिन अव्यवस्थाओं का हवाला देकर खुलने के दो दिन बाद ही पुनः बंद कर दिए गए. इससे श्रद्धालु व भक्तों के साथ-साथ व्यापारी एवं आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है. मंदिर को भक्तों के लिए जल्द से जल्द खोले जाने को लेकर आवाज बुलंद होने लगी है. इसी श्रृंखला में सोमवार को धर्म रक्षा संघ के तत्वावधान में बैठक का आयोजन किया गया.

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समीप वीआईपी रोड स्थित उदासीन अखाड़ा में आयोजित बैठक में उपस्थित सन्त, भक्त, व्यापारी एवं मंदिर से जुड़े लोगों द्वारा जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन से मांग की गई है कि शासन, साधक और दर्शनार्थियों के समन्वय से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर को आम भक्तों के लिए खोला जाए. जिससे भक्तों के साथ-साथ व्यापारी एवं अन्य लोगों को राहत मिल सके. साथ ही निर्णय लिया गया है कि 48 घण्टे में मंदिर नहीं खुला तो जन आंदोलन किया जाएगा.

जानकारी देते हुए संत आदित्य नाथ महाराज ने बताया कि, शासन साधक और दर्शनार्थी इन तीनों के समन्वय से ही बिहारी का मंदिर खुल सकता है. शासन को वह सुविधाएं देनी चाहिए जो आदमी हजारों रुपए खर्च करके पैदल चलकर यहां आता है तो वह बिहारी जी के सम्मान और उनके दर्शन की लालसा में आता है. शासन उसको इस ढंग से देखे कि यह हमारे दर्शनार्थी हैं उनको कोई समस्या न हो. उन्होंने कहा कि दूसरी बात ये है कि साधक जो हैं उनका भी कर्तव्य होता है कि वह व्यवस्थाओं को ठीक प्रकार से करें. और अगर शासन चाहे तो सब के समन्वय से निष्कर्ष निकालकर समस्या का हल कर सकता है. प्रशासन को सब के समन्वय से सब की समस्या को देखते हुए निष्कर्ष निकालकर मंदिर खोलने के बारे में विचार विमर्श करना चाहिए.

आप को बता दें कि धर्म की नगरी वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में देश ही नहीं विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य कान्हा के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना के चलते सात महीने बंद रहने के बाद 17 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर को खोला गया था. लेकिन अव्यवस्थाओं का हवाला देकर खुलने के दो दिन बाद ही 19 अक्टूबर से अगले आदेश तक अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है. जिससे नाराज साधु-संत व्यापारी आदि मंदिर खोले जाने की मांग कर रहे हैं.

मथुरा : विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए कोरोनाकाल के चलते सात माह बाद खुले थे. लेकिन अव्यवस्थाओं का हवाला देकर खुलने के दो दिन बाद ही पुनः बंद कर दिए गए. इससे श्रद्धालु व भक्तों के साथ-साथ व्यापारी एवं आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है. मंदिर को भक्तों के लिए जल्द से जल्द खोले जाने को लेकर आवाज बुलंद होने लगी है. इसी श्रृंखला में सोमवार को धर्म रक्षा संघ के तत्वावधान में बैठक का आयोजन किया गया.

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के समीप वीआईपी रोड स्थित उदासीन अखाड़ा में आयोजित बैठक में उपस्थित सन्त, भक्त, व्यापारी एवं मंदिर से जुड़े लोगों द्वारा जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन से मांग की गई है कि शासन, साधक और दर्शनार्थियों के समन्वय से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर को आम भक्तों के लिए खोला जाए. जिससे भक्तों के साथ-साथ व्यापारी एवं अन्य लोगों को राहत मिल सके. साथ ही निर्णय लिया गया है कि 48 घण्टे में मंदिर नहीं खुला तो जन आंदोलन किया जाएगा.

जानकारी देते हुए संत आदित्य नाथ महाराज ने बताया कि, शासन साधक और दर्शनार्थी इन तीनों के समन्वय से ही बिहारी का मंदिर खुल सकता है. शासन को वह सुविधाएं देनी चाहिए जो आदमी हजारों रुपए खर्च करके पैदल चलकर यहां आता है तो वह बिहारी जी के सम्मान और उनके दर्शन की लालसा में आता है. शासन उसको इस ढंग से देखे कि यह हमारे दर्शनार्थी हैं उनको कोई समस्या न हो. उन्होंने कहा कि दूसरी बात ये है कि साधक जो हैं उनका भी कर्तव्य होता है कि वह व्यवस्थाओं को ठीक प्रकार से करें. और अगर शासन चाहे तो सब के समन्वय से निष्कर्ष निकालकर समस्या का हल कर सकता है. प्रशासन को सब के समन्वय से सब की समस्या को देखते हुए निष्कर्ष निकालकर मंदिर खोलने के बारे में विचार विमर्श करना चाहिए.

आप को बता दें कि धर्म की नगरी वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में देश ही नहीं विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य कान्हा के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना के चलते सात महीने बंद रहने के बाद 17 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर को खोला गया था. लेकिन अव्यवस्थाओं का हवाला देकर खुलने के दो दिन बाद ही 19 अक्टूबर से अगले आदेश तक अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है. जिससे नाराज साधु-संत व्यापारी आदि मंदिर खोले जाने की मांग कर रहे हैं.

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