मथुरा: कान्हा की नगरी मथुरा में त्राटक का नया रिकॉर्ड बनाया गया है. बिना पलक झपकाए 1 घंटे तक सूरज को खुली आंखों से देखने का यह रिकॉर्ड बनाया गया है. 70 वर्षीय डिप्टी कमिश्नर सेल्स टैक्स के पद से सेवानिवृत्त एम एस वर्मा ने यह रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है. त्राटक क्रिया को पिछले 25 सालों से श्री वर्मा करते चले आ रहे हैं. 21 जनवरी 2019 को 10 मिनट का पिछला रिकॉर्ड प्रदीप बेलगावी के नाम दर्ज है. ग्लोबल रिसर्च फाउंडेशन की टीम व सरकारी चिकित्सकों की मौजूदगी में वर्मा ने यह रिकॉर्ड बनाया है. 1 घंटे तक त्राटक करने के बाद चिकित्सकों ने एमएस वर्मा की आंखों का परीक्षण करने के बाद परीक्षण सही पाया गया. अब एमएस वर्मा नेशनल के बाद गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी में जुटे हुए हैं.
जानकारी देते हुए डॉ. सचिन शर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया को त्राटक बोलते हैं और त्राटक में सूर्य को नंगी आंखों से देखा जाता है. इन्होंने जो त्राटक किया था. उससे पहले हमने इनकी आई साइड आई, विजन, रेटिना सब कुछ चेक किया था. सब कुछ नॉर्मल था. इसके बाद उन्होंने 1 से 2 बजे तक त्राटक किया है. त्राटक करने के बाद हमने 5 मिनट के आराम के बाद जब इनका फिर से चेकअप किया. इनकी आंखें नॉर्मल है जैसे कि त्राटक से पहले थी. यह अपने आप में बहुत ही अद्भुत चीज है. इस उम्र में या किसी और उम्र में यह पॉसिबल नहीं है कि त्राटक 1 घंटे का कर लिया जाए. नॉर्मल आंखों से हम 5 से 10 सेकंड भी सूरत को नहीं देख सकते हैं. लेकिन इन्होंने यह काम 1 घंटे के लिए किया है.
1 घंटे तक त्राटक करने वाले एम एस वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मैंने अपने गुरु से लगभग 25 वर्ष दीक्षा लिया था. मेरे गुरु ने पहले दीपक पर त्राटक कराया उसके बाद सूर्य की अनुमति दी. इसको मैं करीब 20 सालों से कर रहा हूं. आज मैंने लगातार 1 घंटे खुली आंखों से बिना पलक झपकाए लगातार टकटकी लगाकर सूर्य को देखा है जिसकी रिकॉर्डिंग हो चुकी है.
लेकिन मुझे अभ्यास इतना है मैं कितनी भी देर त्राटक कर सकता हूं और मैं पूरे विश्व के लिए कहता हूं कोई भी विश्व में मेरे बराबर त्राटक करने वाला हो तो वह मेरे से कंपटीशन कर सकता है. यह हमारे भारत के लिए भी बहुत गौरव की बात है. यह हमारे भारत की प्राचीन योगविद्या है जिसे आज लोगों ने भुला दिया है. इसके बहुत से फायदे हैं. वहीं, तांत्रिक ग्रंथों में कहा गया है आज्ञा चक्र वह इससे एक्टिवेट होती है.
अब मेरी उम्र 70 प्लस है मैं इस उम्र में भी मेरी इतनी पावर है कि मैं ऐसे कर पा रहा हूं, जबकि यह असंभव काम है. कुछ सेकंड सूर्य को लगातार देखने पर ही आंखें चली जाती हैं. आज मैंने 1 घंटे किया है. इस दौरान डॉक्टर साहब ने बंद करा दिया, नहीं तो और देर तक मैं कर सकता था.
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