मथुरा: भले ही पूरे देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा हो, लेकिन अब भी बहुत से लोग बेटियों को बोझ ही समझ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जनपद मथुरा के रेलवे स्टेशन पर सोमवार की सुबह देखने को मिला. यहां एक 7 माह की अबोध बच्ची को उसके परिजन रोता बिलखता छोड़ गए.
जैसे ही मामले की जानकारी आरपीएफ पुलिस को हुई. तो, आरपीएफ पुलिस द्वारा मामले की जानकारी रेलवे चाइल्डलाइन को दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने बालिका के परिजनों की काफी तलाश की. लेकिन, उनका कुछ पता नहीं चल सका. जिसके बाद रेलवे पुलिस और चाइल्डलाइन टीम ने बच्ची को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया.
रेलवे चाइल्ड लाइन मैनेजर शाहिद खान ने बताया कि सोमवार सुबह लगभग 7:00 से 8:00 के बीच में आरपीएफ मथुरा ने रेलवे चाइल्ड लाइन को सूचना दी गई कि प्लेटफार्म नंबर 7 पर एक बालिका लावारिस अवस्था में पड़ी हुई है. बालिका के पास कोई नहीं है. आरपीएस की सूचना पर टीम तत्काल प्लेटफार्म नंबर 7 पर गई और बालिका को अपने संरक्षण में लिया.
इसके बाद बालिका के परिजनों की तलाश के लिए मथुरा जंक्शन के सभी प्लेटफार्म पर तलाश की गई. लेकिन बालिका का कोई भी परिजन नहीं मिला. अब बालिका को कोविड-19 का टेस्ट और मेडिकल कराने के बाद बाल कल्याण समिति मथुरा के समक्ष पेश किया जाएगा. इसके बाद अग्रिम कार्रवाई समिति के आदेश अनुसार की जाएगी.
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