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कोरोना का कहर: अब हफ्ते में एक बार परिजनों से मिल सकेंगे विचाराधीन बंदी - mathura latest news

उत्तर प्रदेश के मथुरा में लोग कोरोना से दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. ऐसे में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों के लिए अब सिर्फ परिजनों से हफ्ते में एक बार मिलने के लिए नियम बना दिया गया है.

बंदियों को हफ्ते में एक बार परिजनों से मुलाकात की अनुमति.
बंदियों को हफ्ते में एक बार परिजनों से मुलाकात की अनुमति.
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Published : Mar 19, 2020, 10:26 PM IST

मथुरा: कोरोना वायरस का कहर पूरे विश्व में इस कदर फैला हुआ है कि लोग कोरोना से दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं है. कोरोना वायरस की दहशत के चलते जिला कारागार मथुरा में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों के लिए अब सिर्फ परिजनों से हफ्ते में एक बार मिलने के लिए नियम बना दिया गया है. जब तक कि कोरोना वायरस की दहशत थम नहीं जाती जब तक विचाराधीन बंदी अपने परिजनों से हफ्ते में सिर्फ एक ही बार मिल पाएंगे.

बंदियों को हफ्ते में एक बार परिजनों से मुलाकात की अनुमति.

बंदियों को हफ्ते में एक बार परिजनों से मुलाकात की अनुमति

दरअसल, जिला कारागार में निरुद्ध बंदी पहले हफ्ते में तीन बार अपने परिजनों से मुलाकात कर सकते थे, लेकिन कोरोना वायरस की दहशत का आलम यह है कि जिला कारागार प्रशासन मथुरा द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बंदियों की सुरक्षा के लिए नए नियम बनाकर विचाराधीन बंदियों को हफ्ते में सिर्फ एक बार अपने परिजनों से मुलाकात करने की अनुमति दी है. यही नहीं विचाराधीन बंदी हफ्ते में सिर्फ एक बार एक ही परिजन से मिल पाएंगे.

इसके साथ-साथ जेल के अंदर बंदी सुरक्षा रेखा के अंदर ही दूरी बनाकर अपने परिजनों से बात कर सकते हैं. उससे पहले परिजनों को एक प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ेगा जिसमें मास्क होना अनिवार्य है. इसके साथ ही जिला कारागार में प्रवेश करने से पहले परिजनों को अच्छे से हाथ धोने पड़ेंगे.

कोरोना वायरस की दहशत के चलते जिला कारागार में परिवर्तन किया गया है. जिसके तहत पूर्व में विचाराधीन बंदी अपने परिजनों से हफ्ते में तीन बार मिल सकता था, लेकिन अब नए नियम के अनुसार विचाराधीन बंदी केवल हफ्ते में एक बार ही अपने एक परिजन से मिल सकेगा. उसके साथ मिलने आए परिजनों को मास्क लगाकर आना अनिवार्य है और जिला कारागार में प्रवेश करने से पहले अच्छे से हाथ धोना भी आवश्यक है. उसके साथ ही जिला कारागार में परिजनों से मिलते वक्त बंदी को एक उचित दूरी बनाए रखनी पड़ेगी.

मथुरा: कोरोना वायरस का कहर पूरे विश्व में इस कदर फैला हुआ है कि लोग कोरोना से दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं है. कोरोना वायरस की दहशत के चलते जिला कारागार मथुरा में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों के लिए अब सिर्फ परिजनों से हफ्ते में एक बार मिलने के लिए नियम बना दिया गया है. जब तक कि कोरोना वायरस की दहशत थम नहीं जाती जब तक विचाराधीन बंदी अपने परिजनों से हफ्ते में सिर्फ एक ही बार मिल पाएंगे.

बंदियों को हफ्ते में एक बार परिजनों से मुलाकात की अनुमति.

बंदियों को हफ्ते में एक बार परिजनों से मुलाकात की अनुमति

दरअसल, जिला कारागार में निरुद्ध बंदी पहले हफ्ते में तीन बार अपने परिजनों से मुलाकात कर सकते थे, लेकिन कोरोना वायरस की दहशत का आलम यह है कि जिला कारागार प्रशासन मथुरा द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बंदियों की सुरक्षा के लिए नए नियम बनाकर विचाराधीन बंदियों को हफ्ते में सिर्फ एक बार अपने परिजनों से मुलाकात करने की अनुमति दी है. यही नहीं विचाराधीन बंदी हफ्ते में सिर्फ एक बार एक ही परिजन से मिल पाएंगे.

इसके साथ-साथ जेल के अंदर बंदी सुरक्षा रेखा के अंदर ही दूरी बनाकर अपने परिजनों से बात कर सकते हैं. उससे पहले परिजनों को एक प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ेगा जिसमें मास्क होना अनिवार्य है. इसके साथ ही जिला कारागार में प्रवेश करने से पहले परिजनों को अच्छे से हाथ धोने पड़ेंगे.

कोरोना वायरस की दहशत के चलते जिला कारागार में परिवर्तन किया गया है. जिसके तहत पूर्व में विचाराधीन बंदी अपने परिजनों से हफ्ते में तीन बार मिल सकता था, लेकिन अब नए नियम के अनुसार विचाराधीन बंदी केवल हफ्ते में एक बार ही अपने एक परिजन से मिल सकेगा. उसके साथ मिलने आए परिजनों को मास्क लगाकर आना अनिवार्य है और जिला कारागार में प्रवेश करने से पहले अच्छे से हाथ धोना भी आवश्यक है. उसके साथ ही जिला कारागार में परिजनों से मिलते वक्त बंदी को एक उचित दूरी बनाए रखनी पड़ेगी.

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