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मथुरा: देवदूत बनकर पुलिस ने मासूम की बचाई जान - mathura news

उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिसकर्मी एक मासूम बच्चे के लिए देवदूत बन गये. बताया जा रहा है कि बच्चे ने खेल-खेल में कीटनाशक पी लिया था. लॉकडाउन के कारण बच्चे के परिजनों को उसे अस्पताल ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा था. ऐसे में पुलिस ने उसे अपनी जीप से अस्पताल पहुंचाया. जिसकी वजह से बच्चे को समय पर इलाज मिल गया और उसकी जान बच गयी.

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मासूम निशांत और उसके परिजन
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Published : Apr 27, 2020, 9:13 PM IST

मथुरा: जिले के सुरीर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव भिदौनी के रहने वाले ओमी के दो वर्षीय पुत्र निशांत ने खेल-खेल में कीटनाशक का सेवन कर लिया. जिसके बाद निशांत की हालत बिगड़ने लगी. बच्चे की हालत बिगड़ती देख आनन-फानन में परिजन उसे लेकर एक निजी डॉक्टर के पास पहुंचे जहां बच्चे की गम्भीर हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उसे जिला मुख्यालय के अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.

लेकिन बच्चे के परिजनों के पास कोई वाहन नहीं था और लॉकडाउन के काराण बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए कोई गाड़ी भी नहीं मिल रही थी. इस बीच गस्त पर निकले पुलिसकर्मी वहां पहुंच गये. जिसके बाद पुलिस ने अपनी जीप से बच्चे को जिला मुख्यालय के सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया.

पुलिस की इस तत्परता की वजह से मासूम निशांत को सही समय पर इलाज मिल गया. जिससे उसकी जान बच गयी. जिसके बाद बच्चे के परिजनों ने कहा कि पुलिसवाले उनके लिए देवदूत बनकर सामने आये और उनके घर के चिराग को बुझने से बचा लिया. इस मदद के लिए बच्चे के परिजन जहां पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दे रहे हैं. वहीं इस तत्परता के लिए स्थानीय लोग भी पुलिस कर्मियों की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

मथुरा: जिले के सुरीर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव भिदौनी के रहने वाले ओमी के दो वर्षीय पुत्र निशांत ने खेल-खेल में कीटनाशक का सेवन कर लिया. जिसके बाद निशांत की हालत बिगड़ने लगी. बच्चे की हालत बिगड़ती देख आनन-फानन में परिजन उसे लेकर एक निजी डॉक्टर के पास पहुंचे जहां बच्चे की गम्भीर हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उसे जिला मुख्यालय के अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.

लेकिन बच्चे के परिजनों के पास कोई वाहन नहीं था और लॉकडाउन के काराण बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए कोई गाड़ी भी नहीं मिल रही थी. इस बीच गस्त पर निकले पुलिसकर्मी वहां पहुंच गये. जिसके बाद पुलिस ने अपनी जीप से बच्चे को जिला मुख्यालय के सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया.

पुलिस की इस तत्परता की वजह से मासूम निशांत को सही समय पर इलाज मिल गया. जिससे उसकी जान बच गयी. जिसके बाद बच्चे के परिजनों ने कहा कि पुलिसवाले उनके लिए देवदूत बनकर सामने आये और उनके घर के चिराग को बुझने से बचा लिया. इस मदद के लिए बच्चे के परिजन जहां पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दे रहे हैं. वहीं इस तत्परता के लिए स्थानीय लोग भी पुलिस कर्मियों की जमकर तारीफ कर रहे हैं.

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