मथुराः गोवर्धन थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम के हाथ बड़ी सफलता लगी है. पुलिस ने बैंक खाते से ऑनलाइन ठगी करने वाले आठ ठगों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. पकड़ गए आरोपी पहचान बनाकर बैंक खातों से ठगी करते थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 8 मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पहचान पत्र व डेबिट कार्ड और हजारों रुपये नगद के साथ एक मोटरसाइकिल बरामद की है.
पुलिस के अनुसार यह गैंग फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पहचान पत्र से पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,असम, बिहार ,झारखंड आदि से फर्जी सिम निकलवाते थे. फिर, ऑनलाइन डिजिटल फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाते थे और ट्रूकॉलर, फेसबुक के जरिए अज्ञात नंबरों पर फर्जी सिम से कॉल करते थे. इसके बाद सोशल मीडिया साइट से जानकारी हासिल कर अपनी जान-पहचान बनाते और उनके व्हाट्सएप व मोबाइल नंबर पर कॉल करते थे. उनको झांसे में लेकर अवैध रूप से उनके खाते से क्यूआर कोड एवं यूपीआई आईडी के माध्यम से अपने फर्जी खातों में पैसा डलवाकर धोखाधड़ी से रुपये ठग लेते थे. ठगी के रुपये सभी आरोपी आपस में बांट लेते थे.
एसपी देहात त्रिगुण बिसेन ने बताया कि गोवर्धन थाना क्षेत्र में देवसेरस एवं उसके आसपास का क्षेत्र साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाता है. वहां पर पुलिस के द्वारा निरंतर निगरानी रखी जाती. अभी पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि साइबर अपराधी अपने घरों में न रह करके खेतों व जंगलों में रुककर साइबर ठगी के कार्य को कर रहे हैं.
सूचना पर साइबर सेल की टीम एवं गोवर्धन थाना पुलिस के द्वारा देवसेरस के जंगलों खेतों में छापा मारा गया. इस दौरान 8 अपराधियों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया. इनके पास से 8 मोबाइल फोन ,10500 रुपये, फर्जी आईडी, फर्जी पहचान पत्र, डेबिट कार्ड एवं एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है. इन सभी के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है.
एसपी देहात ने बताया कि जो लोग इन साइबर ठगों का शिकार बनते थे, उनको यह मोबाइल फोन से फोन करते थे और किसी तरह से उनसे अपना परिचय बनाते थे. किसी तरह से उन्हें झांसे में लेकर कि आप की लॉटरी निकली है, आपका इनाम निकला है यह उनसे कहकर क्यूआर कोड के माध्यम से यह लोग उनसे रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे.
लोगों को यह लोग बेवकूफ बना करके काफी मोटी रकम ले लिया करते थे. इनमें से अधिकतर अपराधी ऐसे हैं, जिन्होंने मोबाइल की दुकान खोल रखी है या इन्होंने एजेंसी ले रखी है, क्योंकि यह मोबाइल फील्ड में काम करते हैं तो इनको आसानी से लोगों के नंबर मिल जाते हैं और यह फिर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं.
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