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मथुरा में यमुना का रौद्र रूप, रिहायशी इलाकों में घुसा पानी - flood in mathura

मथुरा जिले में यमुना नदी उफान पर है. हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है, जिसके कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच चुका है. वहीं निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ी है उन्हें हर पल बाढ़ का खतरा सता रहा है.

यमुना का बढ़ा जलस्तर
यमुना का बढ़ा जलस्तर
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Published : Aug 4, 2021, 9:16 AM IST

मथुरा: पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं. वहीं, धर्म नगरी वृंदावन में भी बढ़े जलस्तर के कारण यमुना नदी उफान पर है. हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी का असर अब धर्म नगरी वृंदावन में पूरी तरह से दिखाई देने लगा है. आम दिनों में घाटों से काफी दूर बहने वाली यमुना अब घाटों पर हिलोरें मार रही है. यमुना में उफान के कारण जहां ब्रह्मांड घाट से केशीघाट के बीच परिक्रमा मार्ग जलमग्न हो जाने से परिक्रमा करने आए श्रद्धालुओं को परेशानी होने लगी है, वहीं कुंभ मेला क्षेत्र में करीब 6 करोड़ की लागत से बना ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा घाट(Devraha Baba Ghat) भी चारों ओर से बाढ़ के पानी में घिर गया है. इतना ही नहीं लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण अब यमुना का पानी रिहायशी इलाकों में भी प्रवेश कर गया है.

यमुना का बढ़ा जलस्तर
बता दें, दिल्ली से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद मथुरा जिले में यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. मथुरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच चुका है. जिसके चलते यमुना का पानी अब रिहायशी इलाकों में पहुंचने लगा है. जहां रहने वाले लोगों को अपने घरों से आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आसपास तटीय इलाकों में बसी अन्य कालोनियों के लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. बाढ़ के खतरे ने उनकी रातों की नींद उड़ा रखी है. स्थानीय लोगों की मानें तो यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए भी प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है और न ही रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी आ जाने के बाद भी किसी अधिकारी ने मौका मुआयना किया है.इसे भी पढ़ें-गंगा और मंदाकिनी में बाढ़ जैसे हालात, घाटों पर बदला शवदाह स्थस्थानीय लोगों ने बताया कि भारी बारिश के कारण यमुना के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. जिसके कारण अब यमुना का जल खतरे के निशान के पास पहुंच चुका है. यमुना का पानी रिहायशी इलाकों में भी पहुंच रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. रिहायशी इलाकों में पानी पहुंच जाने के कारण लोगों का आवागमन भी बंद हो गया है और वह अपनी जरूरत का सामान भी नहीं ला पा रहे हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन लोगों की परेशानियों को समझते हुए इस ओर कदम उठाकर समस्या का समाधान किया जाए.

मथुरा: पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं. वहीं, धर्म नगरी वृंदावन में भी बढ़े जलस्तर के कारण यमुना नदी उफान पर है. हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी का असर अब धर्म नगरी वृंदावन में पूरी तरह से दिखाई देने लगा है. आम दिनों में घाटों से काफी दूर बहने वाली यमुना अब घाटों पर हिलोरें मार रही है. यमुना में उफान के कारण जहां ब्रह्मांड घाट से केशीघाट के बीच परिक्रमा मार्ग जलमग्न हो जाने से परिक्रमा करने आए श्रद्धालुओं को परेशानी होने लगी है, वहीं कुंभ मेला क्षेत्र में करीब 6 करोड़ की लागत से बना ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा घाट(Devraha Baba Ghat) भी चारों ओर से बाढ़ के पानी में घिर गया है. इतना ही नहीं लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण अब यमुना का पानी रिहायशी इलाकों में भी प्रवेश कर गया है.

यमुना का बढ़ा जलस्तर
बता दें, दिल्ली से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद मथुरा जिले में यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. मथुरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच चुका है. जिसके चलते यमुना का पानी अब रिहायशी इलाकों में पहुंचने लगा है. जहां रहने वाले लोगों को अपने घरों से आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आसपास तटीय इलाकों में बसी अन्य कालोनियों के लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. बाढ़ के खतरे ने उनकी रातों की नींद उड़ा रखी है. स्थानीय लोगों की मानें तो यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए भी प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है और न ही रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी आ जाने के बाद भी किसी अधिकारी ने मौका मुआयना किया है.इसे भी पढ़ें-गंगा और मंदाकिनी में बाढ़ जैसे हालात, घाटों पर बदला शवदाह स्थस्थानीय लोगों ने बताया कि भारी बारिश के कारण यमुना के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. जिसके कारण अब यमुना का जल खतरे के निशान के पास पहुंच चुका है. यमुना का पानी रिहायशी इलाकों में भी पहुंच रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. रिहायशी इलाकों में पानी पहुंच जाने के कारण लोगों का आवागमन भी बंद हो गया है और वह अपनी जरूरत का सामान भी नहीं ला पा रहे हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन लोगों की परेशानियों को समझते हुए इस ओर कदम उठाकर समस्या का समाधान किया जाए.
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