मथुरा : भले ही शासन और प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन और सही उपचार को लेकर लाखों दावे किए जा रहें हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है. रविवार को जिला अस्पताल मथुरा में एक 35 वर्षीय युवक की ऑक्सीजन की कमी के चलते तड़प-तड़प कर मौत हो गई. सही समय पर युवक को उपचार और ऑक्सीजन नहीं मिला. यह नजारा रविवार को ही नहीं, अमूमन हर रोज देखा जा सकता है.
वहीं इस संबंध में जब नोडल अधिकारी डॉ भूदेव सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि गंभीर अवस्था में मरीज को लेकर उसके परिजन जिला अस्पताल उपचार के लिए पहुंचे थे. युवक का उपचार किया जा रहा था, लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई. जिला अस्पताल में ऑक्सीजन और बेड की पर्याप्त मात्रा है.
अब सोचने वाली बात यह है कि अगर सब चीजें पर्याप्त हैं तो लोगों की जानें क्यों जा रही हैं और परिजन शासन-प्रशासन पर लापरवाही का आरोप क्यों लगा रहे हैं. आखिर जनपद में हो रही मौतों का जिम्मेदार कौन है?
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बरती जा रही लापरवाही
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि यहां पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है. यहां किसी भी तरह से मरीजों को सही उपचार नहीं मिल रहा है. जब मरीज की स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है तब उनको ऑक्सीजन लगाई जाती है. वहीं तब तक मरीज दम तोड़ चुका होता है. एक मरीज से ऑक्सीजन निकाल कर दूसरे मरीज को लगाई जाती है. यह युवक शनिवार की देर रात्रि उपचार के लिए यहां भर्ती कराया गया था. इसे रविवार की दोपहर तक ऑक्सीजन और वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो पाया, जिसके चलते इसकी मौत हो गई. यह कोई नया मामला नहीं है. यहां हर रोज ऐसे मामले देखे जा सकते हैं.