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श्री सर्वेश्वर निंबार्क सेवा धाम नगर के महामंडलेश्वर बने पद्मनाभ शरण देवाचार्य - मथुरा हिंदी खबरें

मथुरा में वृंदावन के कुम्भ मेला में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही संतों को उपाधि भी प्रदान की जा रही हैं. कुंभ मेला क्षेत्र स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा में श्री सर्वेश्वर निंबार्क सेवा धाम नगर के नाम से नया खालसा बनाया गया है.

दी जा रही संतों की उपाधि
दी जा रही संतों की उपाधि
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Published : Mar 8, 2021, 5:41 PM IST

मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन के कुम्भ मेला में विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही संतों की उपाधि प्रदान करने का क्रम भी लगातार जारी है. इसी शृंखला में कुंभ मेला क्षेत्र स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा में श्री सर्वेश्वर निंबार्क सेवा धाम नगर के नाम से नया खालसा बनाया गया है.

महामंडलेश्वर बने पद्मनाभ शरण देवाचार्य

यहां तीनों अखिल भारतीय अनी अखाड़े एवं चतुसंप्रदाय के श्रीमहंत, महामंडलेश्वर और संतों ने विधिवत पूजन आदि कार्य किए. इसके बाद निंबार्क संप्रदाय के संत पद्मनाभ शरण देवाचार्य को श्री सर्वेश्वर निंबार्क सेवा धाम नगर के महामंडलेश्वर के पद पर सुशोभित किया गया. संतों ने माल्यार्पण कर उनका स्वागत भी किया.

यह भी पढ़ें: दो पीएफआई सदस्यों की कोर्ट में पेशी आज

'वृंदावन में बनेगा आश्रम'

पद्मनाभ शरण देवाचार्य ने बताया कि हमारा निंबार्क संप्रदाय से संबंध है. हमारा आश्रम जयपुर पठानकोट में है. वृंदावन में भी अब हमारा आश्रम बनेगा. यह सब संतों, महापुरुषों और गुरुदेव की कृपा है. सभी को भक्ति की ओर आना चाहिए.

पाखंड को नष्ट करने के लिए भक्ति का प्रकाश जरूरी

श्रीमद् भागवत में आज से लगभग 5000 साल पूर्व ही आज के समाज का वर्णन कर दिया गया था. आज चारों तरफ अश्लीलता व्याप्त है. हर तरफ लोग अपने आप में ग्रसित हो रहे हैं, पाखंड चरम पर हैं. ऐसे समय पर भक्ति की उज्जवलता होनी चाहिए. भक्ति का प्रकाश होना चाहिए. पाखंड और अंधकार को नष्ट करने के लिए भक्ति का प्रकाश जरूरी है.

मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन के कुम्भ मेला में विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही संतों की उपाधि प्रदान करने का क्रम भी लगातार जारी है. इसी शृंखला में कुंभ मेला क्षेत्र स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा में श्री सर्वेश्वर निंबार्क सेवा धाम नगर के नाम से नया खालसा बनाया गया है.

महामंडलेश्वर बने पद्मनाभ शरण देवाचार्य

यहां तीनों अखिल भारतीय अनी अखाड़े एवं चतुसंप्रदाय के श्रीमहंत, महामंडलेश्वर और संतों ने विधिवत पूजन आदि कार्य किए. इसके बाद निंबार्क संप्रदाय के संत पद्मनाभ शरण देवाचार्य को श्री सर्वेश्वर निंबार्क सेवा धाम नगर के महामंडलेश्वर के पद पर सुशोभित किया गया. संतों ने माल्यार्पण कर उनका स्वागत भी किया.

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'वृंदावन में बनेगा आश्रम'

पद्मनाभ शरण देवाचार्य ने बताया कि हमारा निंबार्क संप्रदाय से संबंध है. हमारा आश्रम जयपुर पठानकोट में है. वृंदावन में भी अब हमारा आश्रम बनेगा. यह सब संतों, महापुरुषों और गुरुदेव की कृपा है. सभी को भक्ति की ओर आना चाहिए.

पाखंड को नष्ट करने के लिए भक्ति का प्रकाश जरूरी

श्रीमद् भागवत में आज से लगभग 5000 साल पूर्व ही आज के समाज का वर्णन कर दिया गया था. आज चारों तरफ अश्लीलता व्याप्त है. हर तरफ लोग अपने आप में ग्रसित हो रहे हैं, पाखंड चरम पर हैं. ऐसे समय पर भक्ति की उज्जवलता होनी चाहिए. भक्ति का प्रकाश होना चाहिए. पाखंड और अंधकार को नष्ट करने के लिए भक्ति का प्रकाश जरूरी है.

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