मथुरा: बहुचर्चित जवाहर बाग कांड की छठवीं बरसी को लेकर जवाहर बाग में स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि सभा रखी. वहीं शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि दी और जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए. अर्चना द्विवेदी ने कहा कि 6 वर्ष बीत चुके हैं बाग के अंदर शहीद की प्रतिमा नहीं लगाई गई है. जो प्रस्ताव भेजा गया था उसे भी खारिज कर दिया गया है. सरकारी जमीन को खाली कर आते समय दो अधिकारियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए. शहीद की प्रतिमा आखिर क्यों नहीं लगाई जा रही है?
बहुचर्चित जवाहर बाग कांड
2 जून 2016 को जिला उद्यान विभाग की सरकारी जमीन को खाली कराते समय कथित सत्याग्रहियों ने पुलिस प्रशासन के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, इसमें तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और इंस्पेक्टर संतोष यादव शहीद हो गए थे. साथ ही इस हत्याकांड में कुल 29 लोगों की जान भी गई थी. 2014 को स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन रामवृक्ष यादव ने अपने साथियों के साथ सरकारी जमीन पर 2 दिन धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकारी जमीन पर रामवृक्ष यादव ने धीरे-धीरे कब्जा कर लिया.
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शहीद की पत्नी ने जिला प्रशासन सरकार पर उठाए सवाल
शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने जिला प्रशासन और सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, आखिर जवाहर बाग में शहीद की प्रतिमा क्यों नहीं लगाई जा रही है? जिला उद्यान विभाग द्वारा प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, लेकिन सरकार ने उसे खारिज कर दिया और उसका कारण भी नहीं बताया. सरकारी जमीन खाली कराते समय दो अधिकारियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए. लेकिन सरकार शहीद की प्रतिमा का स्थान भी नहीं दे सकती.
जमीन का टुकड़ा मिल जाए तो मैं करा दूंगी सुंदरीकरण
सरकारी जमीन जवाहर बाग खाली कराते समय दो अधिकारी समेत 29 लोगों की जान गई थी. शहीद एसपी सिटी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने कहा कि, अगर सरकार प्रतिमा नहीं लगा सकती तो मुझे जवाहर बाग के अंदर भूमि का कुछ टुकड़ा मिल जाए तो मैं उसी स्थान पर शहीद की प्रतिमा अपने पैसों से लगाने के लिए तैयार हूं. लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं देती. एक बार फिर इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करूंगी की जवाहर बाग में शहीद की प्रतिमा लगा दी जाए.
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