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मथुरा: जिला अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे मरीज, सुध लेने तक नहीं पहुंच रहे डॉक्टर

उत्तर प्रदेश में मथुरा का जिला अस्पताल हमेशा चर्चा में रहता है. पिछले दिनों हुए ट्रेन हादसे में दो घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी. ऐसे में उन्हें सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में रखा गया. लेकिन वहां उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. घायल मरीज वहां मौत से जंग लड़ रहे हैं.

जानकारी देते सीएमएस आरएस मौर्य.
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Published : Aug 12, 2019, 4:36 PM IST

मथुरा: जिला अस्पताल आए दिन चर्चा में बना रहता है. अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में ट्रेन हादसे में आए दो मरीजों को कई दिनों से रखा गया है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. अस्पताल में न तो डॉक्टर हैं और न ही नर्स. हादसे में घायल एक मरीज बेड से गिर गया और बुरी तरह जख्मी हो गया, लेकिन उसे उठाने तक के लिए कोई नहीं था.

जानकारी देते सीएमएस आरएस मौर्य.

पढ़े- सहारनपुर: आयुष मंत्री की फटकार से हताश मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने दिया इस्तीफा

क्या है पूरा मामला

  • मामला कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत शहर के हृदय स्थल होली गेट में स्थित जिला अस्पताल मथुरा का है.
  • कुछ दिन पूर्व रेल हादसे में आए दो मरीजों को जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में लावारिस अवस्था में रखा गया.
  • घायल मरीजों में से एक अपने बेड पर से गिर गया और उसके मुंह से खून निकलता रहा.
  • कई दिनों तक उसको देखने के लिए भी कोई नहीं आया.
  • अस्पताल से मोटी तनख्वाह लेने वाले डॉक्टर, नर्स और वार्ड बॉय नदारद दिखे.
  • इस संदर्भ में सीएमएस आरएस मौर्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

मथुरा: जिला अस्पताल आए दिन चर्चा में बना रहता है. अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में ट्रेन हादसे में आए दो मरीजों को कई दिनों से रखा गया है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. अस्पताल में न तो डॉक्टर हैं और न ही नर्स. हादसे में घायल एक मरीज बेड से गिर गया और बुरी तरह जख्मी हो गया, लेकिन उसे उठाने तक के लिए कोई नहीं था.

जानकारी देते सीएमएस आरएस मौर्य.

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क्या है पूरा मामला

  • मामला कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत शहर के हृदय स्थल होली गेट में स्थित जिला अस्पताल मथुरा का है.
  • कुछ दिन पूर्व रेल हादसे में आए दो मरीजों को जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में लावारिस अवस्था में रखा गया.
  • घायल मरीजों में से एक अपने बेड पर से गिर गया और उसके मुंह से खून निकलता रहा.
  • कई दिनों तक उसको देखने के लिए भी कोई नहीं आया.
  • अस्पताल से मोटी तनख्वाह लेने वाले डॉक्टर, नर्स और वार्ड बॉय नदारद दिखे.
  • इस संदर्भ में सीएमएस आरएस मौर्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
Intro:जिला अस्पताल आए दिन चर्चाओं में बना रहता है, ताजा मामला जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी का है .जहां जिला अस्पताल में उन मरीजों को रखा जाता है, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाती है. मरीजों को इस तरह से रखा जाता है कि कई कई दिन उनकी सुध भी नहीं ली जाती .ट्रेन हादसे में आए 2 मरीजों को कई दिनों से सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में रखा हुआ है ,जिन की सुध लेने वाला कोई नहीं है. एक मरीज बेड पर से गिर गया और उसका मुंह फूड गया जिसके कारण उसके मुंह से खून बह रहा था, और खून में चीटियां लग रही थी. मरीज को देखकर लग रहा था कि अब जीवित भी है या नहीं, लेकिन अस्पताल में उसे देखने वाला कोई भी नहीं था.


Body:कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत शहर के हृदय स्थल होली गेट में स्थित, जिला अस्पताल मथुरा अधिकांश चर्चाओं में ही रहता है. फिर बात हो बच्चा चोरी की या बात हो मरीजों के साथ दुर्व्यवहार की या अन्य समस्याओं की. कुछ दिन पूर्व रेल हादसे में आए 2 मरीजों को जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में लावारिस अवस्था में, इस तरह से रखा हुआ है जैसे कोई अपने जानवरों को भी ना रखें .कई दिनों से मरीजों की साफ सफाई नहीं की गई है, जिसके चलते उनसे इस कदर दुर्गंध आ रही थी कि काफी दूर खड़े होने में भी लोगों को दिक्कत हो रही थी. घायल मरीजों में से एक मरीज अपने बेड पर से गिर गया और उसका मुंह फूट गया ,जिसके कारण उसके मुंह से खून बह रहा था ,और उस खून में चीटियां लग रही थी .खून को देखकर प्रतीत हो रहा था कि मरीज काफी देर पहले गिरा हुआ है .लेकिन अस्पताल में मोटी तनख्वाह लेने वाले डॉक्टर और नर्स या वार्ड बॉय कहीं नजर नहीं आ रहे थे. जब हमने डॉक्टर से बात करनी चाहिए तो अस्पताल से डॉक्टर नदारद थे .वही काफी प्रयास के बाद जब स्टाफ नर्स से बात की तो वही रटा रटाया जवाब जवाब मिला. स्टाफ नर्स सुमन ने बताया कि अभी मुझे पता चला है कि जो रेल हादसे में मरीज आए थे उनमें से एक मरीज अपने बिस्तर पर से गिर गया है .मैं काफी देर से सफाई कर्मचारी को फोन लगा रही हूं वह फोन नहीं उठा रही है. अब मैं कैसे उसे बिस्तर पर उठाकर लिटाऊ, जब सफाई कर्मचारी आ जाएगी जब उसे बिस्तर पर लिटाया जायेगा. यह सब देख कर लग रहा था मानो मरीज अपनी मौत का इंतजार कर रहे हो.


Conclusion:जिला अस्पताल मथुरा के सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में उन मरीजों को रखा जाता है जिन मरीजों की शिनाख्त नहीं हो पाती. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों को इस कदर लावारिस अवस्था में पटक दिया जाता है, मानो वह जल्दी से जल्दी भगवान को प्यारे हो जाएं. कई-कई दिनों तक अस्पताल प्रशासन द्वारा उनकी सुध नहीं ली जाती. कुछ दिन पूर्व रेल हादसे में आए 2 मरीजों को सर्जिकल वार्ड के पीछे गैलरी में टूटे-फूटे बेडौं पर इस कदर डाल रखा था कि, कोई अपने जानवर को भी ना रखें. मरीजों से तीव्र दुर्गंध आ रही थी ,एक मरीज अपने बिस्तर से नीचे गिर गया था जिसका मुंह फूट गया जिसके कारण उसके मुंह से खून बह रहा था, और खून में चीटियां लग रही थी. लेकिन अस्पताल में कोई देखने वाला ना था. मरीज की हालत इतनी खराब थी कि वह है उठकर अपने बिस्तर पर भी नहीं बैठ सकता था. वहीं जब इस संदर्भ में सीएमएस मथुरा आर एस मौर्य से बात की तो उन्होंने बताया कि, आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
बाइट -धर्मेंद्र प्रत्यक्षदर्शी
काउंटर बाइट- सीएमएस जिला अस्पताल मथुरा आर एस मौर्य
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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