मथुरा: कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की पहली पिटीशन श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल दायर की गई पिटिशन पर गुरुवार को जनपद के जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रतिवादी पक्ष श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पत्रावली तैयार न होने के कारण कुछ समय चाहिए. न्यायालय ने स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को तय की है.
पिछले साल 25 सितंबर को जिला जज की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर वाद दायर किया था. जोकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की पहली पिटीशन भी थी. कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर जिला न्यायालय की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह कमेटी ने अपना पक्ष न्यायालय के सामने रखा.
प्रतिवादी पक्ष श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अधिवक्ता ने मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पत्रावली तैयार न होने के कारण कुछ समय दिया और जाएं. न्यायालय ने स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को तय की है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को कोई अधिकार नहीं है डिक्री करने का.
कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने पिछले साल 25 सितंबर को जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में पिटीशन दाखिल की गई. इसमें चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है.
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अधिवक्ता तनवीर अहमद और हरिशंकर ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में आज जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई थी. प्रतिवादी पक्ष श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान अधिवक्ता ने पत्रावली तैयार न होने के कारण कुछ समय मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को तय की गई है.
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