मथुराः राष्ट्रीय छात्र लोकदल उत्तर प्रदेश संगठन के पदाधिकारी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन दिया. इसमें उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर कई तरह के निर्देश जारी किए हैं. इसके चलते लोगों को घरों में रहकर जीवन बिताना पड़ रहा है और इन दिनों काफी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. कई लोगों के काम धंधे चौपट हो गए हैं और कई लोग भुखमरी की कगार तक पहुंच गए हैं. यातायात के भी कई साधन बंद हैं और कोरोना वायरस संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है.
आम जनमानस काम धंधा न होने की वजह से भुखमरी की कगार पर हैं, लेकिन सरकार द्वारा एनईईटी और जेईई की परीक्षा कराने की घोषणा कर दी गई है, जिसके चलते तमाम छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. कोविड-19 महामारी में परीक्षा कराना छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ है. सरकार द्वारा कराए जाने वाली परीक्षाओं को निरस्त किया जाए. कोविड-19 के चलते कई तरह की परिवहन सेवाएं बंद हैं. वहीं रेल भी बंद पड़ी हुई है. अगर ऐसे में परीक्षा कराई जाएगी तो कई छात्र-छात्राएं इस परीक्षा से वंचित रह जाएंगे. क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए प्राप्त संसाधन नहीं हैं.
इसलिए मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा कराए जाने वाली परीक्षा को निरस्त कर दिया जाए. राष्ट्रीय छात्र लोकदल के नेता प्रदीप ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 भारत में अपने चरम पर है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा परीक्षा करा कर लाखों छात्रों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है. अभिभावक और छात्र-छात्राएं स्थिति सामान्य होने तक परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर काम-धंधे चौपट हो जाने के कारण जनता परेशानी उठा रही है. यातायात व्यवस्थाएं फ़िलहाल सुचारू रूप से संचालित नहीं है. रेल सेवाएं बंद हैं, जिनके कारण बहुत से छात्र परीक्षा से वंचित हो सकते हैं. ऐसी संकट की घड़ी में राष्ट्रीय लोक दल छात्र सभा छात्र-छात्राओं के साथ खड़ा है.