मथुरा : नगर निगम प्रशासन द्वारा सफाई व्यवस्था के भले ही बड़े-बड़े दावे किए जाते हों लेकिन धर्म नगरी वृंदावन में ये दावे धरातल पर शून्य नजर आते हैं. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नगर के रंगजी का नगला, गौरानगर काॅलोनी आदि क्षेत्रों में सिल्ट से पटे पड़े नालों के रूप में देखा जा सकता है. इस वक्त जब कोरोना काल चल रहा है, शासन द्वारा विशेष सफाई व्यवस्था, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग आदि के निर्देश दिए गए हैं, नगर निगम प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
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स्थानीय लोगों ने बयां किया दर्द
स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि बारिश आने में अब कुछ ही समय शेष बचा है. लेकिन नाले सिल्ट से और कचरे से पटे पड़े हैं. सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम मथुरा वृंदावन प्रशासन द्वारा लाखों दावे किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है. भरे हुए नालों के कारण मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं. इसके चलते लोगों को बीमारी का भी भय सता रहा है. वहीं, मच्छरों के कारण लोगों का जीना मुहाल है. नालों से उठती दुर्गंध लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है. अगर इस समय कोई व्यक्ति बीमार भी पड़ जाता है तो उसे समुचित उपचार भी नहीं मिल पा रहा है. अधिकतर डॉक्टर बैठ ही नहीं रहे हैं. नगर निगम मथुरा वृंदावन प्रशासन से मांग करते हैं कि वह जल्द से जल्द इन नालों को साफ करवाएं.
नगर निगम मथुरा वृंदावन के दावे हुए फेल
बता दें कि निगम ने मुख्य नालों की सफाई लगभग एक साल से नहीं करवाई है. वहीं, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य भी सभी क्षेत्रों में सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. इसके चलते लोगों को मच्छरों के प्रकोप का सामना करने के साथ ही मलेरिया, डेंगू, कोरोना संक्रमण आदि बीमारियां फैलने का खतरा भी सता रहा है. क्षेत्रवासियों की मांग है कि नालों की सफाई कराने के साथ ही सेनेटाइजेशन एवं फॉगिंग भी कराई जाए.