मथुरा : वृंदावन में बंदरों का आतंक चरम सीमा पर है. अब तक आम लोगों की परेशानी का सबब बने ये बंदर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी निशाना बनाकर उनकी मुसीबत बढ़ाने में लगे हैं, वृंदावन में बंदरों का आतंक किस कदर हावी है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है.
बंदरों का आतंक है कायम
- बंदर लोगों पर हमला करके लहूलुहान कर देते हैं
- बंदरों के हमले में अब तक लगभग एक दर्जन लोग अपनी जान गवां चुके हैं
- यहां का व्यापारी हो या आम आदमी हर कोई बंदरों की खौफ के साए में जीने को मजबूर है
- बंदरों के आतंक के खिलाफ नगरवासी कई बार धरना प्रदर्शन कर बाजारों को बंद कर अपना विरोध जता चुके हैं
- इन समस्याओं को लेकर न तो जनप्रतिनिधि गंभीर हैं और न ही सूबे की सरकार
- कुछ दिन पहले वृंदावन आए योगी आदित्यनाथ ने जरूर बंदरों की समस्या से निजात पाने को हनुमान चालीसा पढ़ने का मंत्र दिया था
- यहां बंदर लोगों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ शारीरिक नुकसान पहुंचाने में भी पहुंचा रहे हैं
छीना हुआ सामान ऐसे वापस करते हैं बंदर
- सामान वापस पाने के लिए बंदरों को कभी फ्रूटी तो कभी कोल्ड ड्रिंक देकर मनाना पड़ता है
दिल्ली से आई एक युवती ने बताया बंदरों का आतंक वृंदावन में बहुत ज्यादा, बंदर ने मेरा चश्मा छीन लिया बड़ी मशक्कत के बाद बाद भी वह चश्मा देने को तैयार नहीं था, जब मैने उसे फ्रूटी दी तब जाकर उसने मेरा चश्मा वापस किया, मुझे लगता है यहां के बंदरों को ट्रेनिंग दी गई है.
अकांक्षा,पीड़ित