मथुराः कृषि कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही मंगलवार को मथुरा पहुंचे. यहां उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित वेटरनरी सेमिनार में हिस्सा लिया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) को लेकर दो दिवसीय सेमिनार के समापन सत्र में कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की नीति को लेकर कुछ बदलाव आवश्यक हैं. जैसे मनपसंद पाठ्यक्रम छात्र-छात्राओं का दाखिला में प्रगति होनी चाहिए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर बीते दो दिनों से दर्जनों वाइस चांसलर यूनिवर्सिटी के शिक्षा नीति को लेकर ग्रहण मंत्रा कर रहे थे, जिसमें एक रोड मैप तैयार किया गया है, जिन बिंदुओं पर नीति तैयार की जाएगी.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कार्यक्रम को संबोधत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की नीति में तकनीकी क्षेत्रों में भी सुधार की आवश्यकता है. विश्वविद्यालयों को जो ग्रांट दी जाती थी, उसमें भी गिरावट आई है. कौशल विकास नीति को लेकर भी चर्चा हुई, स्किल डेवलपमेंट किसानों की ट्रेनिंग समय-समय पर होनी चाहिए.
कृषि मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के जो शिक्षक ट्रेनिंग देते हैं, उन्हें किसानों पर लाभ मिलना चाहिए. खेती की पैदावार और समय के हिसाब से बनानी है. देशभर में 74 एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी है पिछले कुछ वर्षों में जो लक्ष्य हमने रखा था, उससे दुगनी गति से हमने प्राप्त किया है. रेवेन्यू बढ़ोतरी की तरफ जारी है. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में बीज उत्पादन को लेकर काम किए जा रहा है. किसानों को उत्पादन के साथ-साथ जानवरों की सुरक्षा और होने वाली बीमारियां से भी बचाना है. किसानों की मछली उत्पादन, सब्जी उत्पादन और दूध उत्पादन में अपनी अलग पहचान प्रदेश के साथ देश में बनी है.
मीडिया से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पूर्व की सरकारों में किसानों को डीएपी खाद को लेकर लाठियां बरसाई जाती थी. लेकिन अब साढ़ें 5 सालों में किसानों को समय पर डीएपी खाद फर्टिलाइजर उपलब्ध हो जाती हैं. अब किसी तरह की केंद्रों पर कोई धांधली नहीं है, न ही किसानों को लाइन लगाने की जरूरत होती है.
कार्यक्रम के बारे में बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर की दो दिवसीय सेमिनार आयोजित की गई. इसमें देशभर के एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से वाइस चांसलर यहां पहुंचे. कृषि यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं का दाखिला संख्या बढ़ोतरी हुई है. एक बात अलग है की एग्रीकल्चर की ओर युवाओं का रुझान कम हो रहा है. इसको लेकर भी ध्यान दिया जा रहा है. किसानों को समय पर डीएपी खाद उपलब्ध कराई जा रही है. केंद्रों पर किसी प्रकार की कोई धांधली की शिकायत भी नहीं मिलती.
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