मथुरा: केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम में शुक्रवार को किसान मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में 11 राज्यों के 1000 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया. इस मेले का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को किस तरह से बकरी पालन द्वारा दोगुना किया जाए. मेले में आए साइंटिस्ट और अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं को सुनकर बकरी पालन में आने वाली समस्याओं से निजात पाने के उपाए बताए. मेले में 110 किलो के बकरे के साथ-साथ 4 से 5 किलो दूध देने वाली बकरियां आकर्षण का केंद्र थी.
कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम में केंद्र सरकार की तरफ से एक फार्म है. उसमें इस तरह की सेमिनार होती रहती है. इस सेमिनार में 11 राज्यों के प्रतिनिधि लोग आए हुए हैं. इसके साथ ही मेले में हजारों किसानों ने भी भाग लिया है. मेले में किसानों को बताया गया कि किस तरह से बकरी और भेड़ पालन कर किसान अपनी आमदनी दोगुना कर सकते हैं. इसके साथ ही किस तरह से अच्छा खान-पान देकर इनके दूध की क्वालिटी को बढ़ाया जा सकता है. इसके बारे में यहां रिसर्च होती रहती है. इसको लेकर मेले में किसोनों के बीच विचार-विमर्श किया गया.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि किसानों की दोगुनी आय को दोगुना करने का प्रधानमंत्री का जो नारा है, वह पशुपालन के बगैर पूरा नहीं किया जा सकता है. इसलिए छोटे किसान और लघु सीमांत किसानों को बकरी और भेड़ पालने की जरूरत है. इसलिए अच्छी नस्ल की बकरी और भेड़ों को पालकर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं. सरकार निश्चित रूप से इसमें किसानों की पूरी तरह से मदद करेगी. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मेले में 9 किसानों को इनाम दिया गया है. प्रथम, द्वितीय और तृतीय के हिसाब से भेड़ और बकरियों को भी इनाम में दिया गया है. इसके साथ ही मेले में एक बकरे का 2 साल में वजन 110 किलो हो गया था, जो आकर्षण का केंद्र था. इस मेले में दो से तीन बकरियां 4 से 5 किलो दूध देने वाली भी आई थी. उन्होंने किसानों से कहा कि भेड़ और बकरी पालन की वैरायटी हर जगह पाली जा सकती है. इससे किसानों को ही फायदा होगा.
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