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Mathura Holi 2023 : बरसाने में खेली गई लड्डू मार होली, रसिया गीतों पर थिरके श्रद्धालु

ब्रज की होली की शुरुआत हो चुकी है. मथुरा, वृंदावन और बरसाना में परंपरा के मुताबिक होली खेली जा रही है. सोमवार को बरसाना के राधारानी मंदिर में लड्डूओं की होली खेली गई. जानिए क्या है यह परंपरा..

Laddu mar holi in Barasana
Laddu mar holi in Barasana
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Published : Feb 27, 2023, 1:48 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 8:24 PM IST

मथुरा : राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में सोमवार को श्रीलाडली जी महाराज मंदिर में हर्षोल्लास के साथ लड्डू मार होली खेली गई. दूर दराज से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु होली का अद्भुत आनंद लिया. शाम 4:00 बजे मंदिर के द्वार खुलते ही नंदगांव से आए गोस्वामी समाज के लोगों ने मंदिर परिसर में प्राचीन परंपरा समाज गायन किया और बरसाना राधा रानी जी को 28 फरवरी यानी कल लट्ठमार होली खेलने के लिए आमंत्रण किया है. मंदिर परिसर में नंदगांव और बरसाना समाज के लोगों ने एक-दूसरे को बधाइयां दी और खुशी के उपलक्ष में लड्डू लुटाए गए. मंदिर पर रंग गुलाल उड़ाए गए तो वहीं लट्ठमार होली का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद एक दूसरे के समाज के लोगों ने अभिवादन किया.

बरसाने में लड्डू मार होली : ब्रज में आजकल होली की चारों तरफ धूम छाई हुई है. रंग बिरंगे होली के रंग में रसिया गीतों पर श्रद्धालु थिरकते हुए नजर आ रहे हैं ब्रज में 40 दिनों तक होली हर्ष उल्लास के साथ खेली जाती है. बसंत पंचमी के दिन से मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल लगाकर होली की शुरुआत हो जाती है. राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में लड्डू मार होली खेली जाएगी. लड्डू मार होली के लिए बरसाने में कई क्विंटल बूंदी के लड्डू तैयार किए गए हैं.

द्वापर युग से चली आ रही परंपरा : राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में लड्डू मार होली भव्यता के साथ खेली जाती है. नंद गांव के ग्वाले कृष्ण के वेश में बरसाना पहुंचते हैं. वे राधा रानी मंदिर में जाकर राधारानीजी से होली खेलने के लिए निमंत्रण देते है. मंदिर सेवायतों की अनुमति मिलने के बाद होली का निमंत्रण स्वीकार कर लिया जाता है. निमंत्रण स्वीकार होने की खुशी में श्रद्धालुओं पर बूंदी के लड्डू लुटाए जाते हैं. यही लड्डू मार होली कहते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि द्वापर युग से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है.

लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे बरसाना : लड्डू मार होली और लट्ठमार होली खेलने के लिए दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन हो चुका है. मंदिर परिसर के चारों तरफ श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली. श्रद्धालु में ब्रज में होली के अद्भुत रंग में सराबोर होकर मौज मस्ती की. 28 फरवरी को बरसाना में लट्ठमार होली हर्षोल्लास के साथ खेली जाएगी. नंदगांव के हुरियारे कृष्ण रूपी परिवेश धारण करके हाथों में ढाल लेकर पहुंचेंगे और बरसाना की रंगीली गलियों में पूरे सज-धजकर सोलहस श्रृंगार के साथ गोपियां(हुरियारिन) लठ्ठमार होली प्रेम भाव के साथ लठ बरस आएंगी.

लठमार होली के लिए तैयारी पूरी : मथुरा के जनपद मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बरसाना कस्बा है, जहां विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली खेली जाती है. दूरदराज से लाखों श्रद्धालु लठमार होली खेलने और देखने के लिए पहुंचते हैं. बरसाना में होली महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. बरसाना क्षेत्र को पांच जोन 12 सेक्टर में बांटा गया है. राधारानी परिसर में 150 सीसीटीवी कैमरे, 10 वॉच टावर, 4 ड्रोन कैमरे भी तैनात हैं. पांच एएसपी, बारह सीओ, बारह थाना प्रभारी, पचास सब इंस्पेक्टर, सात महिला सब इंस्पेक्टर, 650 कॉन्स्टेबल, पचास महिला कॉन्स्टेबल, चार पीएसी कंपनी और चार दमकल की गाड़ियां तैनात की गई है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं सुविधा के लिए बरसाना परिसर में खोया पाया केंद्र भी बनाया गया है.

पढ़ें : Holi In Mathura: श्रीकृष्ण के क्रीड़ा स्थल गोकुल रमणरेती आश्रम में खेली गई 21 टन फूलों से खेली होली

मथुरा : राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में सोमवार को श्रीलाडली जी महाराज मंदिर में हर्षोल्लास के साथ लड्डू मार होली खेली गई. दूर दराज से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु होली का अद्भुत आनंद लिया. शाम 4:00 बजे मंदिर के द्वार खुलते ही नंदगांव से आए गोस्वामी समाज के लोगों ने मंदिर परिसर में प्राचीन परंपरा समाज गायन किया और बरसाना राधा रानी जी को 28 फरवरी यानी कल लट्ठमार होली खेलने के लिए आमंत्रण किया है. मंदिर परिसर में नंदगांव और बरसाना समाज के लोगों ने एक-दूसरे को बधाइयां दी और खुशी के उपलक्ष में लड्डू लुटाए गए. मंदिर पर रंग गुलाल उड़ाए गए तो वहीं लट्ठमार होली का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद एक दूसरे के समाज के लोगों ने अभिवादन किया.

बरसाने में लड्डू मार होली : ब्रज में आजकल होली की चारों तरफ धूम छाई हुई है. रंग बिरंगे होली के रंग में रसिया गीतों पर श्रद्धालु थिरकते हुए नजर आ रहे हैं ब्रज में 40 दिनों तक होली हर्ष उल्लास के साथ खेली जाती है. बसंत पंचमी के दिन से मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल लगाकर होली की शुरुआत हो जाती है. राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में लड्डू मार होली खेली जाएगी. लड्डू मार होली के लिए बरसाने में कई क्विंटल बूंदी के लड्डू तैयार किए गए हैं.

द्वापर युग से चली आ रही परंपरा : राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना में लड्डू मार होली भव्यता के साथ खेली जाती है. नंद गांव के ग्वाले कृष्ण के वेश में बरसाना पहुंचते हैं. वे राधा रानी मंदिर में जाकर राधारानीजी से होली खेलने के लिए निमंत्रण देते है. मंदिर सेवायतों की अनुमति मिलने के बाद होली का निमंत्रण स्वीकार कर लिया जाता है. निमंत्रण स्वीकार होने की खुशी में श्रद्धालुओं पर बूंदी के लड्डू लुटाए जाते हैं. यही लड्डू मार होली कहते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि द्वापर युग से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है.

लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे बरसाना : लड्डू मार होली और लट्ठमार होली खेलने के लिए दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन हो चुका है. मंदिर परिसर के चारों तरफ श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली. श्रद्धालु में ब्रज में होली के अद्भुत रंग में सराबोर होकर मौज मस्ती की. 28 फरवरी को बरसाना में लट्ठमार होली हर्षोल्लास के साथ खेली जाएगी. नंदगांव के हुरियारे कृष्ण रूपी परिवेश धारण करके हाथों में ढाल लेकर पहुंचेंगे और बरसाना की रंगीली गलियों में पूरे सज-धजकर सोलहस श्रृंगार के साथ गोपियां(हुरियारिन) लठ्ठमार होली प्रेम भाव के साथ लठ बरस आएंगी.

लठमार होली के लिए तैयारी पूरी : मथुरा के जनपद मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बरसाना कस्बा है, जहां विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली खेली जाती है. दूरदराज से लाखों श्रद्धालु लठमार होली खेलने और देखने के लिए पहुंचते हैं. बरसाना में होली महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. बरसाना क्षेत्र को पांच जोन 12 सेक्टर में बांटा गया है. राधारानी परिसर में 150 सीसीटीवी कैमरे, 10 वॉच टावर, 4 ड्रोन कैमरे भी तैनात हैं. पांच एएसपी, बारह सीओ, बारह थाना प्रभारी, पचास सब इंस्पेक्टर, सात महिला सब इंस्पेक्टर, 650 कॉन्स्टेबल, पचास महिला कॉन्स्टेबल, चार पीएसी कंपनी और चार दमकल की गाड़ियां तैनात की गई है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं सुविधा के लिए बरसाना परिसर में खोया पाया केंद्र भी बनाया गया है.

पढ़ें : Holi In Mathura: श्रीकृष्ण के क्रीड़ा स्थल गोकुल रमणरेती आश्रम में खेली गई 21 टन फूलों से खेली होली

Last Updated : Feb 27, 2023, 8:24 PM IST
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