ETV Bharat / state

यहां के कान्हा जन्मोत्सव की देश विदेश में होती है चर्चा, जानें क्यों खास है मथुरा वृंदावन की जन्माष्टमी

आज देशभर में कृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. कृष्ण भक्त पूजा पाठ उपवास रखकर कान्हा का जन्मदिन मना रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा उत्साह कहीं है तो वह है मथुरा वृंदावन क्योंकि यहीं कान्हा का जन्म हुआ था. ऐसे में इस स्थान की क्या महत्वता है आईये जानते हैं.

मथुरा की जन्माष्टमी
मथुरा की जन्माष्टमी
author img

By

Published : Aug 30, 2021, 1:35 PM IST

मथुरा: आज पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम है. मंदिरों को दूल्हन की तरह सजाया गया है. घर-घर भव्य झांकियां सजी हैं और कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर उत्साह है. नटखट कान्हा के जन्मदिन के लिए कई महीने पहले से ही तैयारियां तेज हो गईं थीं. इस खास दिन लोग व्रत रखते हैं और रात के समय कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं. वैसे तो कृष्ण जन्माष्टमी देश विदेश में भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. लेकिन सबसे ज्यादा यदि इसका महत्व है तो वह उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन में मनाए जाने वाले श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का ही है.

etv bharat
गोपियों संग रास रचाते कन्हैया
यहां बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई कृष्ण के रंग में रंगा नजर आता है. मथुरा वृंदावन में मनाई जाने वाली कृष्ण जन्माष्टमी विश्व प्रसिद्ध है. इसे देखने विदेशों तक से श्रद्धालु आते हैं. मथुरा में ही कृष्ण का जन्म हुआ था. यह बात यहां की जन्माष्टमी को और भी खास बना देती है. ऐसे में यहां लल्ला के जन्मदिन का उत्साह चरम पर रहता है.
etv bharat
मथुरा में बीता बचपन

क्या है पौराणिक मान्यता

कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. मान्यता है पृथ्वी वासियों को कंस के आतंक से मुक्त कराने के लिए भगवान ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया था. कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में बंद माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है.

etv bharat
ग्वाल बालाओं के साथ कन्हैया

मथुरा की पावन धरती भगवान को अति प्रिय है. हिन्दू धर्म के सबसे प्रसिद्ध पुराण श्री मद् भागवत में मथुरा के प्रति कृष्ण के प्रेम को दर्शाया गया है. यहां भगवान ने स्वयं अवतार लेकर मथुरावासियों को कंस के अत्याचारों से मुक्त कराया था. कई लीलाएं की, धर्म की स्थापना की. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का वंदन करने के साथ ही यदि मनुष्य मथुरा नगरी का नाम तक ले ले तो उसे भगवान के नाम के उच्चारण का फल मिलता है.

यह भी पढ़ें : श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार : ब्रज में कान्हा ने 'हरि चंद्रिका' पोशाक में दिए दिव्य दर्शन


मथुरा के कण कण में प्रभु का नाम है क्योंकि कृष्ण ने यहां पूरा बचपन बिताया है गायें चराई हैं. माखन चुराया है. रास रचाया है और न जाने कितने मनुष्यों से लेकर राक्षसों तक का उद्धार किया है. ऐसे में इस धरती की महत्वता और भी बढ़ जाती है. मथुरा में ऐसे स्थान हैं जहां आप कृष्ण को हर पल अपने पास महसूस करेंगे.

मथुरा की जन्माष्टमी

यही वजह है कि हर कृष्ण भक्त की बस यही तमन्ना रहती है कि वह जीवन में एक बार बांके बिहारी के दर्शन अवश्य करें और अपने आराध्य के सबसे प्रिय उस पावन धरती पर जाकर अद्भुत शक्ति का अहसास करे. उस भक्ति को महसूस करे जिसे गोपियों ने महसूस किया, पशु-पक्षियों ने महसूस किया व पेड़ पौधों का जिनसे उद्धार हुआ.

मान्यता है कि मथुरा का दर्शन करने वाला मानव श्रीहरि के दर्शन का फल पाता है. यहां घूमने फिरने वाला भी पग-पग पर तीर्थयात्रा के फल का भागी होता है.

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं. संतान प्राप्ति, आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है. इस साल 30 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है.

मथुरा: आज पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम है. मंदिरों को दूल्हन की तरह सजाया गया है. घर-घर भव्य झांकियां सजी हैं और कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर उत्साह है. नटखट कान्हा के जन्मदिन के लिए कई महीने पहले से ही तैयारियां तेज हो गईं थीं. इस खास दिन लोग व्रत रखते हैं और रात के समय कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं. वैसे तो कृष्ण जन्माष्टमी देश विदेश में भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. लेकिन सबसे ज्यादा यदि इसका महत्व है तो वह उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन में मनाए जाने वाले श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का ही है.

etv bharat
गोपियों संग रास रचाते कन्हैया
यहां बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई कृष्ण के रंग में रंगा नजर आता है. मथुरा वृंदावन में मनाई जाने वाली कृष्ण जन्माष्टमी विश्व प्रसिद्ध है. इसे देखने विदेशों तक से श्रद्धालु आते हैं. मथुरा में ही कृष्ण का जन्म हुआ था. यह बात यहां की जन्माष्टमी को और भी खास बना देती है. ऐसे में यहां लल्ला के जन्मदिन का उत्साह चरम पर रहता है.
etv bharat
मथुरा में बीता बचपन

क्या है पौराणिक मान्यता

कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. मान्यता है पृथ्वी वासियों को कंस के आतंक से मुक्त कराने के लिए भगवान ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया था. कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में बंद माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है.

etv bharat
ग्वाल बालाओं के साथ कन्हैया

मथुरा की पावन धरती भगवान को अति प्रिय है. हिन्दू धर्म के सबसे प्रसिद्ध पुराण श्री मद् भागवत में मथुरा के प्रति कृष्ण के प्रेम को दर्शाया गया है. यहां भगवान ने स्वयं अवतार लेकर मथुरावासियों को कंस के अत्याचारों से मुक्त कराया था. कई लीलाएं की, धर्म की स्थापना की. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का वंदन करने के साथ ही यदि मनुष्य मथुरा नगरी का नाम तक ले ले तो उसे भगवान के नाम के उच्चारण का फल मिलता है.

यह भी पढ़ें : श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार : ब्रज में कान्हा ने 'हरि चंद्रिका' पोशाक में दिए दिव्य दर्शन


मथुरा के कण कण में प्रभु का नाम है क्योंकि कृष्ण ने यहां पूरा बचपन बिताया है गायें चराई हैं. माखन चुराया है. रास रचाया है और न जाने कितने मनुष्यों से लेकर राक्षसों तक का उद्धार किया है. ऐसे में इस धरती की महत्वता और भी बढ़ जाती है. मथुरा में ऐसे स्थान हैं जहां आप कृष्ण को हर पल अपने पास महसूस करेंगे.

मथुरा की जन्माष्टमी

यही वजह है कि हर कृष्ण भक्त की बस यही तमन्ना रहती है कि वह जीवन में एक बार बांके बिहारी के दर्शन अवश्य करें और अपने आराध्य के सबसे प्रिय उस पावन धरती पर जाकर अद्भुत शक्ति का अहसास करे. उस भक्ति को महसूस करे जिसे गोपियों ने महसूस किया, पशु-पक्षियों ने महसूस किया व पेड़ पौधों का जिनसे उद्धार हुआ.

मान्यता है कि मथुरा का दर्शन करने वाला मानव श्रीहरि के दर्शन का फल पाता है. यहां घूमने फिरने वाला भी पग-पग पर तीर्थयात्रा के फल का भागी होता है.

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं. संतान प्राप्ति, आयु और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है. इस साल 30 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.